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प्रधानमंत्री मोदी का खास संदेश लेकर दोहा पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर, कतर के पीएम से की मुलाकात, जानिए इसके राजनीतिक मायने

एक दिवसीय यात्रा पर रविवार को कतर की राजधानी दोहा पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने तथा आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने कतर की राजधानी पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी से बातचीत की।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Sun, 30 Jun 2024 10:30 PM (IST)
विदेश मंत्री जयशंकर रविवार को कतर की राजधानी दोहा पहुंचे, जहां कतर के पीएम से कई मुद्दों पर बात की।

पीटीआई, दोहा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कतर के प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर बात की। यह वार्ता राजनीति, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, तकनीक, सांस्कृतिक मामलों और नागरिकों की आपसी मुलाकात पर हुई। जयशंकर एक दिवसीय यात्रा पर दोहा पहुंचे थे।

विदेश यात्रा पर एस जयशंकर पहुंचे कतर

जयशंकर ने शेख मुहम्मद के साथ दोनों देशों के सहयोग के क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की और उनके विकास पर बात की। शेख मुहम्मद के पास कतर के विदेश मंत्री पद का भी प्रभार है। जयशंकर ने एक्स (ट्वीट) कर प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद से हुई गर्मजोशी भरी मुलाकात के बारे में बताया है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामना संदेश भी दिया।

जयशंकर ने कतर के अमीर को भी प्रधानमंत्री का शुभकामना संदेश दिया है। भारतीय विदेश मंत्री ने बताया कि द्विपक्षीय मसलों के अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी उनकी शेख मुहम्मद से वार्ता हुई। जिन मुद्दों पर वार्ता हुई उनमें गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध का मसला भी शामिल है। दोनों पक्ष आपसी हितों के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं। सहयोग बढ़ाने के लिए नए क्षेत्र भी तलाश किए जाएंगे।

नौसेना कर्मियों की रिहाई के बाद पहली बार विदेश मंत्री का दौरा

विदित हो कि जयशंकर का यह दौरा भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई के साढ़े चार महीने के बाद हुआ है। इन कर्मियों को कतर में अगस्त 2022 में गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और मुकदमा चलाकर उन्हें मौत की सजा दी गई थी। लेकिन भारत सरकार के हस्तक्षेप पर कतर सरकार मामले में सहानुभूति पूर्वक विचार के लिए तैयार हुई और अंतत: सभी भारतीयों की कतर की जेल से सुरक्षित रिहाई संभव हो पाई। ये सभी भारतीय भारत लौट आए हैं।