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आज ही हमास ने किया था इजरायल पर हमला, 1200 लोगों की गई थी जान; पूरे देश में मनाया जाएगा काला दिवस

हमास ने आज के दिन यानी 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर सबसे भयानक हमला किया था। हमास के आतंकियों ने 1200 इजरायली नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था। वहीं 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया था। इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग का एलान किया था। इजरायल अब हमास के बाद हिजबुल्लाह से युद्ध लड़ रहा है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 07 Oct 2024 07:15 AM (IST)
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इजरायल पर हमास के हमले के एक साल पूरे। (फोटो- रॉयटर्स)

जेएनएन, नई दिल्ली।  इजरायल के लिए सात अक्टूबर की तारीख और उस दिन हुआ खूनखराबा इतिहास में लिखी वह इबारत है जो कभी भुलाई नहीं जा सकेगी। सात अक्टूबर, 2023 को यहूदी समुदाय पर द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ा हमला हुआ जिसमें 1,200 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। इस हमले का घाव अभी भी रिस रहा है, करीब 100 लोग गाजा में एक वर्ष से बंधक बने हुए हैं।

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इन बंधकों को रिहा कराने के लिए इजरायल की सड़कों पर पूरे वर्ष भर प्रदर्शन हुए, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का घर तक घेरा गया। लेकिन सरकार गाजा में स्थायी युद्धविराम की कीमत पर बंधकों की रिहाई के लिए तैयार नहीं हुई। इस मामले में अमेरिका का दबाव भी नाकाफी साबित हुआ।

इजरायल ने बदल दी पश्चिम एशिया की स्थिति

गाजा में हमले जारी रखते हुए इजरायल ने लेबनान में जमीनी कार्रवाई शुरू कर दी है। सीरिया, इराक और यमन पर भी हमले हो रहे हैं। विश्व शांति के भविष्य पर सवालों के कद ऊंचे होते जा रहे हैं। सोमवार (सात अक्टूबर) को इजरायल पर हमास के हमले का एक वर्ष पूरा होगा। इस हमले के बाद इजरायल ने पश्चिम एशिया की स्थिति को बदलकर रख दिया है।

कई जगह हुए बड़े प्रदर्शन

गाजा में युद्धविराम की मांग और फलस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन और जुलूसों का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है। लंदन, पेरिस और मनीला में शनिवार को बड़े प्रदर्शन हुए हैं। भारत में भी फलस्तीनियों के समर्थन में आवाजें उठ रही हैं। इजरायल के पीड़ित परिवारों ने सोमवार को अपने दिवंगत प्रियजनों की याद में कई आयोजन रखे हैं। इन कार्यक्रमों में इजरायल के सपूतों की वीरता को प्रदर्शित किया जाएगा, साथ ही सरकार को विफलताओं के लिए कोसा जाएगा।

नेतन्याहू सरकार के प्रति नाराजगी क्यों?

इजरायली लोगों और दुनिया के ज्यादातर जागरूक लोगों का मानना है कि सात अक्टूबर, 2023 की घटना इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था की विफलता का परिणाम थी। गाजा के सशस्त्र संगठन हमास की लंबी तैयारी पर खुफिया निगाह का न जाना बड़ी विफलता माना गया। खुफिया प्रमुख ने हाल ही में इस्तीफा दिया है लेकिन हमले के तत्काल बाद युद्ध छिड़ जाने से विफलता के जिम्मेदारों पर कोई घोषित कार्रवाई नहीं हो पाई है। इसी को लेकर पीड़ित लोगों में नेतन्याहू सरकार के प्रति नाराजगी है।

सात अक्टूबर को कभी नहीं भूलेंगे

रॉयटर्स के अनुसार सात अक्टूबर के लिए सरकारी और निजी टेलीविजन चैनलों ने पीड़ित परिवारों से जुड़े कई कार्यक्रम तैयार किए हैं। इस तरह के एक कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े जोनाथन शिमरिज कहते हैं कि सात अक्टूबर, 2023 का दिन देश के 76 वर्ष के इतिहास का सबसे ज्यादा काला दिन था। इसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे और जो भी हुआ उसे याद करते हुए शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि देंगे।

सोमवार के लिए कई कार्यक्रम प्रिरिकार्डेड हैं और कई में वर्तमान स्थिति दिखाई जाएगी। लेकिन सार्वजनिक कार्यक्रमों में सरकार के आपातस्थिति से संबंधित दिशानिर्देशों की छाया भी दिखेगी, क्योंकि इजरायल पर इस समय कई ओर से हमले हो रहे हैं। रविवार को देश के भीतर आतंकी हमले की कुछ दिनों के अंतर पर दूसरी वारदात हुई है।

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