Bangladesh Crisis: क्या फिर से चुनाव लड़ेंगी शेख हसीना? बेटे जॉय ने वतन वापसी को लेकर कही ये बात
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अब जल्द अपने देश लौट आएंगी। नई कार्यवाहक सरकार बनने के बाद बांग्लादेश चुनाव के लिए हसीना स्वदेश लौटेंगी। पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे की ओर से यह दावा किया गया है। लेकिन उनके बेटे ने ये साफ नहीं किया वो चुनाव लड़ेंगी या नहीं। बीते कुछ दिनों से बांग्लादेश में छात्रों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन काफी उग्र हो गया था।
रॉयटर्स, नई दिल्ली। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर मचे घमासान और हिंसक विद्रोह के बीच बीते सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और अपना देश भी छोड़ कर भागना पड़ा था। इसके बाद बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार का गठन हुआ और मोहम्मद युनुस ने अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में शपथ ग्रहण की।
जब चुनाव होंगे तो देश लौटेंगी शेख हसीना- साजिद जॉय
बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना अब जल्द अपने देश लौट आएंगी। नई कार्यवाहक सरकार बनने के बाद बांग्लादेश चुनाव के लिए हसीना स्वदेश लौटेंगी। पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे की ओर से यह दावा किया गया है।
शेख हसीना के बेटे साजिद वाजिद जॉय ने कहा है कि जब नई कार्यवाहक सरकार चुनाव कराने का फैसला करेगी, तब वह अपने देश लौट आएंगी।
हसीना को कई सप्ताह तक चले घातक विरोध प्रदर्शनों के बाद पद छोड़ना पड़ा और वे बीते सोमवार को भारत भाग गईं थीं। उनके पद छोड़ने के बाद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक कार्यवाहक सरकार ने गुरुवार को शपथ ली, जिसे चुनाव कराने का काम सौंपा जाएगा।
क्या शेख हसीना लड़ेंगी चुनाव?
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, अमेरिका में रहने वाले उनके बेटे साजिद वाजेद जॉय ने कहा, फिलहाल, वह (हसीना) भारत में हैं। अंतरिम सरकार द्वारा चुनाव कराने का फैसला किए जाने के तुरंत बाद वह बांग्लादेश वापस चली जाएंगी। उन्होंने यह नहीं बताया कि 76 वर्षीय हसीना चुनाव लड़ेंगी या नहीं।जॉय ने कहा, मेरी मां मौजूदा कार्यकाल के बाद ही राजनीति से संन्यास ले लेतीं। मेरी कभी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं थी और मैं अमेरिका में बस गया था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम से पता चलता है कि वहां नेतृत्व शून्य है। मुझे पार्टी की खातिर सक्रिय होना पड़ा और मैं सबसे आगे हूं।
हसीना की अवामी लीग पार्टी अंतरिम सरकार में शामिल नहीं है, क्योंकि लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने के बाद छात्रों ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया था। देशव्यापी हिंसा में लगभग 300 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हो गए थे।