बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरता से टेंशन में अमेरिका, व्हाइट हाउस की पूर्व अधिकारी ने क्यों की शेख हसीना की तारीफ
बांग्लादेश में बढ़ते कट्टरपंथ ने अमेरिका को भी चिंता में डाल दिया है। इन दिनों बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार है। मगर हिंदुओं बौद्धों और ईसाइयों के खिलाफ हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। व्हाइट हाउस की पूर्व अधिकारी लीजा कर्टिस ने बांग्लादेश के हालात पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने शेख हसीना की तारीफ की।
पीटीआई, वाशिंगटन। बांग्लादेश में बढ़ते कट्टरपंथ को लेकर अमेरिका में गहरी चिंता है। यह बात व्हाइट हाउस की पूर्व अधिकारी लीजा कर्टिस ने कही है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसे अच्छी तरह नियंत्रित किया था। लीजा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में काम कर चुकी हैं। लीजा ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में कहा, 'बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। लोगों को उम्मीद है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी।'
कट्टरपंथियों को जेलों से रिहा किया जा रहा
ट्रंप के पहले कार्यकाल में 2017 से 2021 तक दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की वरिष्ठ निदेशक के तौर पर काम करने वाली लीजा ने कहा, 'मगर बहुत चिंता भी है। कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों को जेलों से रिहा किया गया है। अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाइयों पर कुछ हमले हुए हैं। हमने बांग्लादेश में आतंकवाद का इतिहास देखा है। 2016 में एक बेकरी पर हमला हुआ था। यह बेहद गंभीर घटना थी। बांग्लादेश में आईएस के कुछ आतंकी मौजूद थे। शेख हसीना ने बांग्लादेश में कट्टरपंथी समस्या को नियंत्रित करने में अच्छा काम किया था।'
(पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की फाइल फोटो)
पांच अगस्त को हसीना ने छोड़ा था देश
बता दें कि बांग्लादेश में हिंसक छात्र आंदोलन के चलते गत पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार का पतन हो गया था। इसके बाद से देश में कट्टरपंथी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। देश के 48 जिलों में हिंदुओं को निशाना बनाया गया। उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। शेख हसीना पद और देश छोड़ने के बाद भारत में हैं। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद नोबेल पुरष्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार का गठन किया।(अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस। फाइल फोटो)