'जीवन में सब कुछ खटाखट नहीं होता', जयशंकर ने इशारों-इशारों में राहुल गांधी पर कसा तंज
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर स्विटजरलैंड के दौरे पर हैं। यहां पर भारतीयों से मुलाकात करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी देश औद्योगिक निर्माण के क्षेत्र में विकास किए बगैर वैश्वक शक्ति नहीं बन सकता है। इसलिए भारत में उद्योगों का विकास किए जाने की जरूरत है। इसी बीच जयशंकर ने इशारों-इशारों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी तंज कस दिया। जानिए उन्होंने क्या कहा।
एएनआई, जिनेवा। जीवन में सब कुछ खटाखट (आसान) नहीं होता है, बल्कि कोई मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्विट्जरलैंड में रहने वाले भारतीय लोगों से मुलाकात में कही। खटाखट शब्द का इस्तेमाल कर उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर तंज कसा।
राहुल ने चुनाव के दौरान भाजपा पर हमला करने की नीयत से खटाखट शब्द का इस्तेमाल किया था। जयशंकर ने कहा, मानव संसाधन के विकास के लिए कड़े परिश्रम की जरूरत होती है। इसमें कुछ भी खटाखट नहीं होता है। जिसने भी कोई कार्य किया होता है और श्रम किया होता है, वह इस बात को जानता है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश औद्योगिक निर्माण के क्षेत्र में विकास किए बगैर वैश्वक शक्ति नहीं बन सकता है। इसलिए भारत में उद्योगों का विकास किए जाने की जरूरत है।
'महिलाओं के साथ अपराध चिंता का विषय'
जयशंकर ने कहा कि भारत में महिलाओं की सुरक्षा और उनके साथ होने वाले अपराध चिंता का विषय हैं। भारतीय समुदाय के लोगों के बीच कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला उठने पर विदेश मंत्री ने यह बात कही। कहा, 'हमारे यहां रात में बेटियों के घर से जाने पर लोग चिंतित होते हैं, जबकि बेटों को लेकर वैसी चिंता नहीं होती है।''भारत का विचार भी सुनने को तैयार रहना चाहिए'
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि उन्हें भारत की नीतियों के बारे में अन्य देशों की प्रतिक्रिया सुनने-जानने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन अन्य देशों को भी अपनी नीतियों के बारे में सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए। प्रतिक्रियाएं एकतरफा नहीं हो सकती हैं। जयशंकर ने यह बात भारत की नीतियों पर विदेश नेताओं और राजनयिकों की टिप्पणियों पर कही है। हाल में ब्रिक्स में भारत की सदस्यता को लेकर उठे सवाल के जवाब में जयशंकर ने जी 7 पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इससे पहले रूस से कच्चे तेल की खरीद पर आपत्ति जताए जाने पर उन्होंने भारतीय हितों को प्रमुखता देने की बात कही थी।