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नेतन्याहू की बढ़ी मुश्किलें, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने जारी किया अरेस्ट वारंट

Benjamin Netanyahu इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने साथ ही इजरायल के पूर्व रक्षा प्रमुख योव गैलेंट और हमास नेता इब्राहिम अल-मसरी के खिलाफ भी वारंट जारी किया है। इन्हें युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी पाया गया है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 21 Nov 2024 06:10 PM (IST)
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नेतन्याहू को कोर्ट ने मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी माना है। (File Image)
रॉयटर्स, द हेग। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने गुरुवार को कथित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के साथ ही हमास नेता इब्राहिम अल-मसरी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

इस पर इजरायल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उसने कहा कि आईसीसी अपनी सभी वैधता को खो चुका है। बता दें कि आईसीसी ने 17 मार्च, 2023 को युक्रेन युद्ध को लेकर ऐसे ही आरोपों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

कोर्ट ने क्या कहा?

आईसीसी के जजों ने अपने निर्णय में कहा कि यह मानने के लिए ठोस आधार है कि नेतन्याहू और गैलेंट गाजा में भुखमरी और फलस्तीनियों पर अत्याचार के लिए आपराधिक रूप से जिम्मेदार हैं, जबकि अल-मसरी के लिए वारंट में सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमले के दौरान सामूहिक हत्याओं, दुष्कर्म और लोगों को बंधक बनाने जैसे आरोपों को शामिल किया गया है।

आईसीसी के अभियोजक करीम खान ने 20 मई को यह घोषणा की थी कि वह इजरायल में हमास के हमलों और इसके जवाब में गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई से संबंधित कथित अपराधों को लेकर गिरफ्तारी वारंट की मांग करेंगे, जबकि इजरायल ने हेग स्थित न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को खारिज करने के साथ ही गाजा में युद्ध अपराधों से इन्कार किया है।

इजरायल ने खारिज किए आरोप

आईसीसी के निर्णय पर इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने एक्स पर कहा, 'अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के लिए एक काला क्षण है। बगैर अधिकार के इसने बेतुका आदेश जारी किया है। आईसीसी से वारंट जारी होने के बावजूद किसी के भी हेग में जजों के समक्ष पेश होने की संभावना नहीं है, क्योंकि कोर्ट के पास वारंट पर अमल के लिए कोई पुलिस नहीं है। वह इसके लिए अपने सदस्य देशों पर निर्भर है। इजरायल और इसका सबसे प्रमुख सहयोगी अमेरिका आईसीसी के सदस्य नहीं हैं।'