एक ओर अमेरिका ने सीरिया में आतंकी शिविरों पर बरसाए बम; तो इजरायल के जमीनी हमले में 29 फिलिस्तीनियों की मौत
अमेरिकी सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा अमेरिकी सेना ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीरिया में इस्लामिक स्टेट के शिविरों पर हवाई हमले किए। वहीं गाजा में इजरायली सेना के टैंक जमीनी हमला कर रहे हैं। शनिवार को गाजा पर इजरायली सैन्य हमलों में कम से कम 29 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई वहीं गाजा में सेना का सैन्य अभियान जारी है।
रॉयटर, वाशिंगटन। अमेरिकी सेना ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के शिविरों पर बमबारी की। इसकी जानकारी यूएस सेंट्रल कमांड ने दी। अमेरिकी सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा, अमेरिकी सेना ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीरिया में इस्लामिक स्टेट के शिविरों पर हवाई हमले किए।
यूएस सेंट्रल कमांड के बयान में कहा गया कि हमारे युद्ध क्षति का आकलन चल रहा है और नागरिक हताहतों का संकेत नहीं है। इसमें कहा गया कि हवाई हमले जल्दी किए गए।
गाजा में इजरायली हमलों में 29 लोगों की मौत हो गई
गाजा में इजरायली सेना के टैंक जमीनी हमला कर रहे हैं। शनिवार को गाजा पर इजरायली सैन्य हमलों में कम से कम 29 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। वहीं अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियों का कहना है कि हजारों लोग फंसे हुए हैं। निवासियों ने कहा कि इजरायली सेना ने एन्क्लेव के उत्तर में, उसके ऐतिहासिक शरणार्थी शिविरों में से सबसे बड़े, जबालिया पर हवा और जमीन से हमला करना जारी रखा।गाजा में रात भर में 19 लोग मारे गए, और शनिवार शाम को 10 और लोगों की मौत हो गई, जब इजरायली ने जबालिया में दो घरों और मध्य गाजा में नुसीरत शिविर पर हमला किया। चिकित्सकों का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर है।इजरायली सेना ने कहा कि वह हमास के लड़ाकों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो नागरिक इमारतों का उपयोग कर रहे थे और कहा कि हाल के दिनों में कमल अदवान अस्पताल सहित क्षेत्रों को खाली करने के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे।
इजरायली सेना ने पूरे गाजा पट्टी में सैन्य अभियान जारी रखा है
रॉयटर के मुताबिक, शनिवार टैंक की गोलीबारी, नजदीक से की गई गोलीबारी और हवाई हमलों में 20 से अधिक लड़ाके मारे गए हैं, इजरायली सेना ने पूरे गाजा पट्टी में सैन्य अभियान जारी रखा है। जबालिया क्षेत्र में ऑपरेशन एक सप्ताह पहले शुरू हुआ था और तब सेना ने कहा था कि इसका उद्देश्य हमले कर रहे आतंकवादियों के खिलाफ लड़ना और हमास को फिर से संगठित होने से रोकना था।