Pakistan: बिलावल भुट्टो ने माना 2024 आम चुनाव में हुई थी धांधली, PPP अध्यक्ष के बयान से छिड़ सकती है सियासी रार
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान 2024 आम चुनाव में होने वाली धांधली का जिक्र किया। उन्होंने चुनावों में धांधली के बार-बार आने वाले मुद्दे को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बिलावल ने कहा राजनेताओं को शांति के साथ चुनावी परिणाम को भी स्वीकार करना चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान में इस साल 8 फरवरी को चुनाव हुए थे।
एएनआई, ब्लूचिस्तान। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने 2024 के आम चुनावों में होने वाली धांधली का जिक्र किया है। उन्होंने चुनावों की आलोचना करते हुए कहा, चुनावों में पारदर्शिता की कमी देखी गई। हालांकि बिलावल ने हर चुनाव में अपनी पार्टी के खिलाफ धांधली को स्वीकार करने के बावजूद, उन दावों का खंडन किया कि 8 फरवरी के चुनावों में पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ी धांधली देखी गई। एआरवाई न्यूज ने इसकी जानकारी दी।
क्वेटा में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, बिलावल ने राजनीतिक सर्वसम्मति के माध्यम से चुनावों में धांधली के बार-बार आने वाले मुद्दे को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'राजनेताओं को इस बात पर सहमत होने की जरूरत है कि मैच निष्पक्ष रूप से खेला जाना चाहिए और परिणाम को भी स्वीकार किया जाना चाहिए।'
निष्पक्ष कराए जाएं चुनाव
बिलावल ने चुनाव सुधारों की वकालत करने में पीपीपी (Pakistan Peoples Party) के रोल का भी जिक्र किया, साथ ही प्रतिद्वंद्वी पार्टियों या व्यक्तिगत राजनेताओं की ओर से कभी-कभार आने वाली बाधाओं पर अफसोस जताया। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने चुनाव न्यायाधिकरणों में चल रहे चुनावी धांधली के मामलों की ओर इशारा करते हुए निष्पक्ष चुनावी प्रथाओं के महत्व पर जोर दिया।
बिलावल ने स्वास्थ्य सेवा में सिंध सरकार की उपलब्धियों की प्रशंसा भी की। उन्होंने आगे ये भी कहा कि क्वेटा में भी इसी तरह का काम किया जाएगा, जिससे वहां के निवासियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और समान शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित हो सके।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को खत्म करें
पीपीपी के घोषणापत्र पर चर्चा करते हुए बिलावल ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को खत्म करने पर पार्टी का रुख दोहराया। उन्होंने कथित तौर पर राजनीतिक इंजीनियरिंग, बदले की रणनीति और राजनेताओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए एनएबी की आलोचना की, उन्होंने दावा किया कि इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर गलत असर पड़ा है
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