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Brain Drain In Pakistan: 6 माह में करीब 8 लाख लोगों ने छोड़ा पाकिस्तान, जानिए क्या है वजह?

Brain Drain In Pakistan पाकिस्तान आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान में रिकॉर्ड संख्या में 8 लाख से अधिक लोगों ने देश छोड़ दिया है। लाखों लोगों ने पाकिस्तान सिर्फ साल के पहले छह महीनों में छोड़ा है। इन लाखों लोगों में एक लाख उच्च प्रशिक्षित पेशेवर थे जिनमें डॉक्टर नर्स इंजीनियर IT विशेषज्ञ और अकाउंटेंट भी शामिल थे।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Tue, 22 Aug 2023 04:34 PM (IST)
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Brain Drain In Pakistan: 6 माह में करीब 8 लाख लोगों ने छोड़ा पाकिस्तान
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Brain Drain In Pakistan: पाकिस्तान के हालात खराब हैं। पाकिस्तान आर्थिक मंदी के बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे बुरे समय में लोग पाकिस्तान को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। बता दें कि पाकिस्तान छोड़ने वालों की संख्या ने अब रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ये हालात पाकिस्तान की खस्ता अर्थव्यवस्था के कारण हैं।

बता दें कि साल 2023 के पहले 6 महीनों में ही लाखों लोगों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है। साल के शुरूआती 6 महीनों में लगभग 8 लाख पाकिस्तानियों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है। जिसके बाद एक नया रिकॉर्ड बन गया। इन लाखों लोगों में एक लाख उच्च शिक्षा वाले लोग भी शामिल हैं। जिनमें कई डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर, सूचना प्रौद्योगिकी (IT) विशेषज्ञ और अकाउंटेंट भी शामिल हैं, जिन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया है।

हालाँकि, आधिकारिक आँकड़े आधी कहानी ही बयां कर सकते हैं, क्योंकि पाकिस्तान छोड़ने वाले हजारों ऐसे लोग हैंजो  यूरोप के लिए अवैध रास्तों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। 

पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (Pakistan Bureau of Statistics) के आंकड़ों के हवाले से एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जून तक 8.32 लाख पाकिस्तानियों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है। इसमें लगभग 4 लाख पढ़ें लिखे और कई तरह के योग्य पेशेवर वाले लोग भी शामिल थे।

हालाँकि पाकिस्तान में हाल के सालों में बड़े पैमाने पर माइग्रेशन का गवाह रहा है, लेकिन उसके लिए विशेष चिंता का विषय प्रशिक्षित पेशेवरों का बड़ी संख्या में पाकिस्तान देश छोड़ना है। लोग बढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और अन्य दिक्कतों के कारण लगातार अपना देश छोड़ रहे हैं। 

लोग अपने परिवार को लेकर चिंतित

लोग लगातार पाकिस्तान छोड़ कर दूसरे देशों में जा रहे हैं। DW से मिली जानकारी के अनुसार, सना हाशिम, जो इस्लामाबाद में एक डिजिटल मार्केटिंग स्टार्टअप में काम करती हैं, वो भी कई समस्याओं का सामना कर रही हैं। 

सना भी दूसरे योग्य पेशवरों की तरह पाकिस्तान से जाना चाहती हैं, लेकिन अपने परिवार को छोड़ने को लेकर परेशान हैं।

29 वर्षीय व्यक्ति ने DW को बताया, "मैंने मध्य पूर्व की कुछ कंपनियों में आवेदन किया है और मुझे इंटरव्यू के लिए कॉल भी आए हैं।" "लेकिन, अगर मुझे नौकरी मिल भी जाए, तो मैं अपना बैग पैक करके नहीं निकल सकता। मेरे बूढ़े माता-पिता की देखभाल कौन करेगा?"

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून दैनिक द्वारा प्रकाशित आधिकारिक संख्या के अनुसार, 2021 में, लगभग 225,000 पाकिस्तानियों ने देश छोड़ दिया, लेकिन पिछले साल यह संख्या लगभग तीन गुना बढ़कर 765,000 हो चुकी है।

2022 की संख्या में 92,000 उच्च शिक्षित पेशेवर जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, IT विशेषज्ञ और अकाउंटेंट शामिल हैं।

कहां से आ रहे सबसे ज्यादा प्रवासी?

पाकिस्तान में बीते सालों में लाखों लोग देश छोड़ कर जा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल करीब 7.65 लाख लोगों ने पाकिस्तान छोड़ दिया। उनमें से लगभग एक लाख से अधिक अच्छी जगहों पर काम करने वाले लोग भी शामिल थे।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आधे से अधिक प्रवासी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से थे, जिसमें पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन डेटा का हवाला दिया गया था। इसके साथ ही लगभग 27,000 पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) से थे।

2022 का आंकड़ा 2021 के आंकड़े से तीन गुना था जब 2.25 लाख पाकिस्तानी दूसरे देशों में चले गए थे।

2020 में 2.8 लाख पाकिस्तानी देश छोड़कर विदेश चले गए। इस बात को ध्यान में रखने की जरूरत है कि 2020 और 2021 दोनों ही महामारी के वर्ष थे जब दुनिया भर में यात्रा प्रतिबंध लागू थे।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक तौर पर, अधिकांश पाकिस्तानी पश्चिम एशियाई देशों, मुख्य रूप से सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में प्रवास कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोपीय गंतव्यों में, पाकिस्तानियों की पसंदीदा पसंद रोमानिया था।

भारत के विपरीत, जो दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है, दूसरे देश में प्रवास करने वाले पाकिस्तानी अपना पाकिस्तानी पासपोर्ट रख सकते हैं और यात्रा के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्रिमंडल में कम से कम 7 मंत्रियों के पास या तो दोहरी राष्ट्रीयता थी या किसी अन्य देश का स्थायी निवास था। यह दोहरी नागरिकता प्रावधान पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के मूल कारणों में से एक रहा है, जिसमें राजनेताओं और सैन्य जनरलों द्वारा विदेशों में धन की हेराफेरी की जाती है।

आर्थिक और राजनीतिक उतार-चढ़ाव

भ्रष्टाचार से ग्रस्त राजनीतिक परिदृश्य के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था उधार के पैसे पर चल रही है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (The International Monetary Fund, IMF) ने 12 जुलाई को पाकिस्तान के लिए 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी थी, जिससे उसे कर्ज चुकाने में चूक से बचने में मदद मिलेगी। सरकार ने बाहरी ऋण चूक से बचने के लिए कठोर कदम उठाए हैं, जिससे आर्थिक विकास और नौकरियों पर काफी असर पड़ा है।

IMF ने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान को "असाधारण रूप से उच्च" आर्थिक जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है, अनुमान लगाया कि उसका विदेशी ऋण 2022-23 में 124 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 131 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। महंगाई रिकॉर्ड 38 फीसदी पर है। पाकिस्तान की मुद्रा में भी तेजी से गिरावट आई है।

साल 2023 में कितने लोगों ने छोड़ा पाकिस्तान?

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन के एक अधिकारी के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि उच्च शिक्षा वाले लोगों सहित सैकड़ों हजारों युवा, जो महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को लेकर परेशान हैं, ऐसे लोग हर साल रोजगार की तलाश में विदेश जा रहे हैं।

ऐतिहासिक रूप से, पाकिस्तान का आयात उसके निर्यात से अधिक रहा है। इसमें सेना पर उसका भारी खर्च भी जोड़ लें, जिसे उसने भारत पर नजर रखते हुए बनाए रखा है।

इस्लामिक कट्टरवाद की ओर बहते हुए पाकिस्तान ने अपनी दृष्टि और दिमाग भी खो दिया है। भारत के प्रति उसका जुनून और आतंक के निर्यात में निवेश भी प्रतिकूल रहा है। बढ़ते कट्टरवाद के कारण ही इसका पर्यटन क्षेत्र खस्ताहाल हो रखा है।

कपास उत्पादक देश होने के बावजूद यह अपने कपड़ा उद्योग को विकसित करने में विफल रहा है। यह भारत की तरह तकनीकी उछाल का भी फायदा नहीं उठा सका और इसकी प्रतिभाएं विदेशी देशों में चली गईं।

इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के व्यवसाय किस गंभीर स्थिति में हैं, स्टार्टअप जुगनू ने पिछले सप्ताह अपने सभी मुख्य व्यवसाय संचालन बंद कर दिए।

जुगनू, एक स्टार्टअप जो प्रोविजन स्टोर्स को सीधे बड़े आपूर्तिकर्ताओं और निर्माताओं से जोड़ता है, ने पिछले साल 22.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी।

इतने लोगों ने कभी नहीं किया पलायन- एजेंट

जर्मन मीडिया आउटलेट DW ने कराची स्थित स्त्री रोग विशेषज्ञ अफशीन अकबर के हवाले से कहा, हमारे कुछ बेहतरीन डॉक्टरों को अमेरिका जाते देखना दर्दनाक है, लेकिन क्या हम उन्हें दोषी ठहरा सकते हैं? सार्वजनिक अस्पतालों की स्थितियाँ अक्सर गंभीर होती हैं और स्वास्थ्य कर्मियों को बहुत कम वेतन मिलता है।

इस्लामाबाद में काम करने वाले एक अनुभवी इमीग्रेशन एजेंट ने DW को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में लोगों को पाकिस्तान से पलायन करते नहीं देखा था। 

जानकारी के अनुसार, 14 जून को एक हादसा हुआ था। इस हादसे में ग्रीस के पास एक नाव पलट गई थी और हादसे में कम से कम 350 पाकिस्तानी लोग डूब गए थे और उनकी मौत हो गई थी।

महंगाई के कारण वेतन पड़ रहा कम?

पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है। हालत ये है कि लोगों को आटे जैसे अन्य राशन के लिए भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, IT विशेषज्ञ नौमान शाह ने DW को बताया कि हम पाकिस्तान में रहे रहे थे लेकिन लगातार बढ़ती लागत के कारण वह पिछले साल सऊदी अरब चले गए।

उन्होंने कहा, "मेरे द्वारा कमाए गए पैसे पाकिस्तान में घर चलाने के लिए कम पड़ रहे थे, जिसके कारण हमें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा कि रियाद में नौकरी की संभावना बहुत अच्छी थी।"

सालों से पाकिस्तान के लोगों को कम पैसा, बेरोजगारी, महंगाई जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इस दौरान पाकिस्तान बुरे राजनीतिक और आर्थिक संकट का भी सामना कर रहा है। 

(डिस्क्लेमर: इस समाचार में कई नए तथ्य और सोर्स जोड़कर कॉपी को प्रभावी रूप से अपडेट किया गया है।)