'आटा-दाल खरीदने में छूट रहे पसीने, गुजारे के लिए लोग कर रहे दो नौकरियां' , PAK के बड़े नेता ने सरकार पर उठाए सवाल
आर्थिक संकट के बीच शहरी पाकिस्तानी परिवारों के सामने आने वाली वित्तीय कठिनाइयां पिछले एक साल में 14 फीसदी बढ़ी हैं। जो लोग वर्तमान में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं उनमें से 60 फीसदी को दाल चावल और आंटा जैसे जरूरी सामान सहित आवश्यक खर्चों में कटौती करनी पड़ी है जबकि 40 फीसदी ने अपने परिचितों से पैसे उधार लेने का सहारा लिया है।
एएनआई, मरदान (पाकिस्तान)। पाकिस्तान में नई सरकार (शहबाज शरीफ सरकार) के बनने के बाद भी देश के आर्थिक हालात जस के तस बने हुए हैं। यह बात खुद पाकिस्तान के नेता कबूल कर रहे हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने शनिवार को एक किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए शरीफ सरकार पर यह आरोप लगाया।
समाचार एजेंसी एएनआई ने पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज के हवाले यह जानकारी दी है। मौलाना फजलुर ने कहा कि पाकिस्तान की सत्तारूढ़ सरकार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में विफल रही है। रहमान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने किए गए वादों को पूरा नहीं कर सके।
अगली सरकार नहीं सुधार पाएगी अर्थव्यवस्था- रहमान
रहमान ने शरीफ सरकार पर आगे आरोप लगाया कि देश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो गई है कि अगली सरकार इसे सुधार नहीं पाएगी। अगर देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब होती है, तो अर्थव्यवस्था को और अधिक नुकसान होगा।चीन ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई
किसान सम्मेलन में फजलुर रहमान ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई हैं। उन्होंने कहा, "चीन ने पाकिस्तान से निवेश मांगने से पहले स्थिति सुधारने को कहा है। मैंने प्रधानमंत्री शहबाज को यह भी बताया कि उनकी चीन यात्रा सफल नहीं रही।"
US और पश्चिमी देशों के उद्देश्य पाकिस्तान के हित में नहीं
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के प्रति अमेरिका और पश्चिमी देशों के उद्देश्य पाकिस्तान के हित में नहीं हैं। रहमान ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वर्तमान देश में अस्थिरता पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह पाकिस्तान के लिए बुरा होगा।10 फीसदी लोग दो नौकरियों का ले रहे सहारा
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक संकट के बीच शहरी पाकिस्तानी परिवारों के सामने आने वाली वित्तीय कठिनाइयां पिछले एक साल में 14 फीसदी बढ़ गई हैं। जो लोग वर्तमान में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उनमें से 60 फीसदी को दाल, चावल और आंटा जैसे जरूरी सामान सहित आवश्यक खर्चों में कटौती करनी पड़ी है, जबकि 40 फीसदी ने अपने परिचितों से पैसे उधार लेने का सहारा लिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 10 फीसदी लोग ने अधिक पैसे कमाने के लिए पार्ट टाइम जॉब कर रहे हैं, यानी कि लोग एक साथ दो नौकरियां कर रहे हैं।ये भी पढ़ें: जहां इजरायली सैनिकों का जमावड़ा था हिजबुल्लाह ने वहीं बरसाए ड्रोन, पास ही मौजूद था इमरजेंसी गोदाम