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Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने की खुद को बरी करने की मांग, अदालत में दिया यह तर्क

अगस्त 2023 से जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बाहर आने की खातिर झटपटा रहे हैं। अब उन्होंने अदालत में याचिका दाखिल करके खुद को बरी करने की मांग की है। इमरान खान ने भ्रष्टाचार मामले में यह गुहार लगाई है। उन्होंने एनएबी कानूनों में संशोधनों को भी चुनौती है। इस बीच उनकी पार्टी ने इस्लामाबाद में एक बड़ी रैली भी बुलाई है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 08 Sep 2024 03:32 PM (IST)
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान। (फाइल फोटो)

पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अदालत में याचिका दाखिल कर खुद को बरी करने की मांग की। इमरान खान ने अदालत से अपील की है कि उन्हें 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में संशोधित भ्रष्टाचार विरोधी कानून के आधार पर बरी किया जाए।

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डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 71 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) कानूनों में संशोधन को चुनौती दी थी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेतृत्व वाली तत्कालीन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की सरकार ने 2022 में इन कानूनों में संशोधन किया था। बता दें कि इमरान खान पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने संशोधनों को किया बहाल

बता दें कि पिछले साल 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एनएबी संशोधनों को खारिज कर दिया था। हालांकि, शुक्रवार को पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की बेंच ने सरकार की समीक्षा याचिका के जवाब में इन संशोधनों को बहाल कर दिया।

कानून में क्या संशोधन हुआ

एनएबी कानून में कई संशोधन किए गए हैं। इसमें एनएबी अध्यक्ष और महाभियोजक का कार्यकाल घटाकर तीन वर्ष करना, ब्यूरो के अधिकार क्षेत्र को 500 मिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक के मामलों तक सीमित करना व सभी लंबित पूछताछ, जांच और मुकदमों को संबंधित प्राधिकारियों को हस्तांतरित करना शामिल है।

एनएबी ने किया उल्लंघन

इमरान खान ने अपनी याचिका में कहा कि संशोधित कानून संघीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों की रक्षा करता है। एनएबी ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर इमरान खान व अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। एनएबी को पता था कि यह मामला राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश, 1999 के दायरे में नहीं आता है, लेकिन उसने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया।

इमरान खान पर लगे संगीन आरोप

एनएबी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में खान ने 3 दिसंबर, 2019 को आयोजित कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। ब्यूरो ने इमरान खान पर उक्त मंजूरी के लिए अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। ब्यूरो का कहना है कि बदले में अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट के लिए दान की आड़ में तहसील सोहावा में लगभग 458 कनाल भूमि, 285 मिलियन पाकिस्तानी रुपये और अन्य लाभ प्राप्त किए।

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