एक पाकिस्तानी के सिर पर 3 लाख का कर्ज, बजी खतरे की घंटी; कैसे होगी भरपाई?
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। इस देश के हर नागरिक के सिर पर करीब तीन लाख पाकिस्तानी रुपये का कर्ज है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसारप्रत्येक व्यक्ति पर औसतन ऋण 295000 रुपये पहुंच चुका है। देश में चाहे सैन्य या तथाकथित लोकतांत्रिक सरकार रही हो सभी ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज लेकर काम चलाया।
एएनआई, इस्लामाबाद: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। इस देश के हर नागरिक के सिर पर करीब तीन लाख पाकिस्तानी रुपये का कर्ज है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार,प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन ऋण 295,000 रुपये पहुंच चुका है। देश में चाहे सैन्य या तथाकथित लोकतांत्रिक सरकार रही हो, सभी ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज लेकर काम चलाया।
देश की सरकारी कंपनियों के भारी नुकसान और भ्रष्टाचार ने विकट वित्तीय स्थिति पैदा कर दी है। देश पर वर्तमान में कुल कर्ज 8.36 खरब रुपये बढ़ चुका है।
इस साल के अंत तक होगा इतना ऋण
2024 में कुल ऋण 71.24 खरब रुपये हो जाएगा। बीते साल पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय ऋण 62.88 खरब रुपये था। जबकि पाकिस्तान का घरेलू कर्ज 8.35 खरब रुपये बढ़कर 47.160 खरब रुपये हो चुका है।आईएमएफ ने 2024 से 2026 के बीच 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वित्त अंतर पाया है, औरंगजेब ने वित्त पर पाकिस्तान की स्थायी समिति को बताया। इसी रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि उप वित्त मंत्री अली परवेज़ मलिक ने इस सवाल को भी टालने की कोशिश की कि क्या सरकार ऋण पुनर्गठन पर विचार कर रही है।
कैसे कर्ज की भरपाई करेगा पाकिस्तान?
इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2024 से 2027 तक बकाया 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी ऋण पाकिस्तान सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट में देनदारियों के लिए किसी भी भुगतान और देश के चालू खाता घाटे के वित्तपोषण से अलग है।पाकिस्तान अपनी बिगड़ती वित्तीय स्थिति के कारण रोलओवर हासिल करके और अपने विदेशी ऋणों का पुनर्गठन करके आगामी पुनर्भुगतान का प्रयास करने की योजना बना रहा है।