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बढ़ती महंगाई ने पाकिस्तान में ईद के उत्साह को किया फीका...लोग केवल पानी पीकर तोड़ रहे रोजा

पाकिस्तान (Pakistan High inflation) में मुद्रास्फीति का मुद्दा उच्च स्तर पर बना हुआ है। लोगों के लिए अपने खर्चा निकलना मुश्किल होता जा रहा है। बढ़ती महंगाई के कारण लोग खाने का खर्चा भी नहीं निकाल पा रहा है। हर चीज महंगी हो गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही है। यहां तक की बिजली के बिलों को लेकर भी नया टैक्स लागू कर दिया गया है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Thu, 11 Apr 2024 09:23 PM (IST)
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बढ़ती महंगाई ने पाकिस्तान में ईद के उत्साह को किया फीका (Image: ANI)
एएनआई, लाहौर। पाकिस्तान में मुद्रास्फीति का मुद्दा उच्च स्तर पर बना हुआ है। लोगों के लिए अपने खर्चा निकलना मुश्किल होता जा रहा है। पाकिस्तानियों का मानना है कि महंगाई कम या ज्यादा होने का अब सवाल ही नहीं रह गया है। लोग पवित्र रमजान के मौके पर केवल पानी से भी रोजा तोड़ने को मजबूर हैं।

बढ़ती महंगाई के कारण लोग खाने का खर्चा भी नहीं निकाल पा रहा है। हर चीज महंगी हो गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही है। यहां तक की बिजली के बिलों को लेकर भी नया टैक्स लागू कर दिया गया है।

हमारी सभी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं

पाकिस्तान के एक मजबूर नागरिक मुहम्मद अयूब ने कहा 'सरकार अब मुद्रास्फीति की समस्या से निपटने में असमर्थ है। हमारी सभी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं, हर महीने हमें बिजली बिल और किराए के भुगतान के बीच निर्णय करना पड़ता है। इसके अलावा, अब हम अपने अस्तित्व के लिए एक आवश्यकता के बदले दूसरी आवश्यकता से समझौता करने के लिए मजबूर हैं।'

लाहौर में मध्यम-आय वर्ग से संबंधित एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि इस देश में मुद्रास्फीति की स्थिति दयनीय है, यह अब नियंत्रण से बाहर है और निम्न-आय वर्ग को सबसे अधिक परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल को देखिये, खाने-पीने की सभी चीजों के दाम देखिये, बाकी सभी जरूरतों के दाम नियंत्रण से बाहर हैं। एक तरफ हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि महंगाई की इस स्थिति से कैसे निपटा जाए और दूसरी तरफ पाकिस्तान में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं।'

IMF और कर्ज

एक समय था जब पाकिस्तान में रमजान के मौसम के दौरान लोग 20000 पीकेआर खर्च करने की योजना बनाते थे, लेकिन अब त्योहार के लिए 2000 पीकेआर भी मुश्किल से खर्च किए जा रहे हैं। आईएमएफ द्वारा दिया गया ऋण जल्द ही गंभीर मौद्रिक स्थितियों के कारण मुद्रास्फीति को बढ़ा देगा। 

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