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Pakistan: कंगाल पाकिस्तान की हुई कमाई, रूस के साथ युद्ध के लिए यूक्रेन को बेचे हथियार; 2 अमेरिकी कंपनी से किया था सौदा

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ( Pakistan Sold Weapons to Ukraine) ने यूक्रेन को 36.4 करोड़ डालर के हथियार बेचे हैं। उसने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के दौरान पिछले वर्ष इन हथियारों की आपूर्ति की। इसके लिए दो अमेरिकी निजी कंपनियों के साथ सौदा किया था। यह दावा एक मीडिया रिपोर्ट में किया गया है। हालांकि पाकिस्तान ने यूक्रेन को हथियार बेचने से इन्कार किया है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 15 Nov 2023 08:52 AM (IST)
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कंगाल पाकिस्तान की हुई कमाई (Image: Representative)
पीटीआई, इस्लामाबाद। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने कथित तौर पर पिछले साल दो निजी अमेरिकी कंपनियों के साथ हथियार सौदे में 364 मिलियन अमेरिकी डॉलर कमाए है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान को यह कमाई रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन को गोला-बारूद की आपूर्ति करने में हुई है।

बीबीसी उर्दू ने सोमवार को रिपोर्ट में जानकारी देते हुए बताया कि एक ब्रिटिश सैन्य मालवाहक विमान ने युद्धग्रस्त देश को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए रावलपिंडी में पाकिस्तान वायु सेना बेस नूर खान से साइप्रस, अक्रोटिरी में ब्रिटिश सैन्य अड्डे और फिर रोमानिया के लिए कुल पांच बार उड़ान भरी।

पाकिस्तान ने इन दावों को किया खारिज

हालांकि, पाकिस्तान ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि उसने रोमानिया के पड़ोसी देश यूक्रेन को कोई गोला-बारूद मुहैया कराया है। अमेरिकी संघीय खरीद डेटा सिस्टम से अनुबंध के विवरण का हवाला देते हुए, बीबीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने 155 मिमी गोले की बिक्री के लिए 'ग्लोबल मिलिट्री' और 'नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन' नाम की दो अमेरिकी कंपनियों के साथ दो अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है। पाकिस्तान ने यूक्रेन को हथियार उपलब्ध कराने के इन समझौतों पर 17 अगस्त, 2022 को हस्ताक्षर किए थे।

पाकिस्तान ने कहा- हथियारों का नहीं हुआ कोई सौदा 

इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय ने यूक्रेन को हथियार और गोला-बारूद की किसी भी बिक्री से इनकार किया है। विदेश कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, 'पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच विवाद में "सख्त तटस्थता" की नीति बनाए रखी और उस संदर्भ में उन्हें कोई हथियार या गोला-बारूद उपलब्ध नहीं कराया है।

बता दें कि ये कथित समझौते पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के शासन के दौरान हुए थे। पीडीएम एक बहुदलीय गठबंधन है, जिसने पिछले साल अप्रैल में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को हटा दिया था।

अगस्त 2022 में समझौतों पर किए थे हस्ताक्षर

अगस्त 2022 में, जब इन कथित अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए, तो यूक्रेन संकट पाकिस्तान में राजनीतिक चर्चा का एक हिस्सा था। इसमें खास बात यह भी है कि जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में आक्रमण का आदेश दिया था, तो उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 24 फरवरी को रूस की यात्रा पर थे। यात्रा के महीनों बाद, जनरल बाजवा ने सार्वजनिक रूप से खान से दूरी बना ली थी और आक्रमण को तुरंत रोकने का आह्वान किया।

इस जुलाई में पाकिस्तान की यात्रा के दौरान, यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने उन रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान रूस के साथ चल रहे संघर्ष के दौरान अपनी सेना का समर्थन करने के लिए यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति कर रहा था।

इन दो अमेरिका कंपनियों के साथ हुआ सौदा

बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका की एक कंपनी ग्लोबल मिलिट्री को 232 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुबंध दिया गया था, जबकि दूसरी कपंनी नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन के साथ 131 मिलियन अमेरिकी डॉलर के एक और अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। रिपोर्ट में बताया गया कि ये समझौते पिछले महीने यानी अक्टूबर 2023 को समाप्त हो गए है।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान, इतनी हुई कमाई

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि नूर खान एयर बेस से एक ब्रिटिश सैन्य मालवाहक विमान में डिलीवरी की गई, जो पांच बार रावलपिंडी में लैंड हुई। बीबीसी उर्दू ने अपने दावों और सबूतों का हवाला देते हुए कहा कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश के हथियारों के निर्यात में 3,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पाकिस्तान ने 2021-22 में 13 मिलियन अमेरिकी डॉलर के हथियार निर्यात किए, जबकि 2022-23 में ये निर्यात 415 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।

पाकिस्तानी हथियारों की बिक्री से नकदी संकट से जूझ रहे इस्लामाबाद को इस साल की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से राहत पैकेज हासिल करने में मदद मिली। हालांकि, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने इन रिपोर्ट को 'आधारहीन और मनगढ़ंत' कहकर खारिज कर दिया।

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