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Pakistan: पाकिस्तान और ईरान से क्यों वापस लौट रहे अफगानी? अब तक 13 हजार शरणार्थियों की हुई वापसी

तालिबान के शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय के अनुसार करीब 13000 अफगान प्रवासी पाकिस्तान और इराक से वापस आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान और इराक से उन अफगानी प्रवासियों को वापस अफगानिस्तान भेजा गया है जिनके पास निवास के उचित दस्तावेज नहीं हैं। कई अफगानी प्रवासियों ने अपने शिविरों में ईरानी पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार के मामलों का दस्तावेजीकरण किया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Sun, 30 Jun 2024 04:20 PM (IST)
अफगानी शरणार्थियों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जिन्हें जबरन अफगानिस्तान भेजा गया है। (फाइल फोटो)

एएनआई, इस्लामाबाद। हाल के महीनों में पाकिस्तान और ईरान से अफगान प्रवासियों का निष्कासन तेजी से बढ़ा है। पिछले सप्ताह ईरान और पाकिस्तान से 13,447 अफगान प्रवासियों को निष्कासित किया गया। यह जानकारी रविवार को खामा प्रेस और तालिबान के मंत्रालय ने दी। तालिबान के नेतृत्व वाले मंत्रालय के अनुसार, कुल शरणार्थियों में से 10,225 को ईरान से और 3,222 को पाकिस्तान से निर्वासित किया गया, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें जबरन वापस भेजा गया।

प्रवासियों के पास उचित दस्तावेज नहीं

मंत्रालय ने विस्तार से बताया कि अफगान प्रवासी तोरघुंडी, स्पिन बोल्डक, इस्लाम कला और फ्रेंडशिप ब्रिज जैसे सीमा मार्गों से अफगानिस्तान लौट आए हैं। खामा प्रेस रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों का दावा है कि उन्होंने उन अफगानों को वापस अफगानिस्तान भेज दिया है जिनके पास निवास के उचित दस्तावेज नहीं हैं।

कुछ निर्वासित प्रवासियों ने आरोप लगाया कि वैध निवास दस्तावेज होने के बावजूद उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया और जबरन अफगानिस्तान वापस भेज दिया। कई अफगान प्रवासियों ने अपने शिविरों में ईरानी पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार के मामलों का दस्तावेजीकरण किया है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने सीमाओं पर की सख्ती

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले ही अफगानिस्तान के साथ अपनी सीमाओं पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों को सख्ती से लागू करने के इरादे की घोषणा की थी। मंत्री ने अफगानिस्तान के अवैध नागरिकों को सीमा पार करने से रोकने के लिए गंभीर उपायों पर जोर दिया।

इन घटनाक्रमों के बीच, अफगानिस्तान एक गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जो हजारों प्रवासियों की जबरन वापसी से और भी बढ़ गया है। प्रवासियों में कई कमजोर महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह स्थिति अफगान शरणार्थियों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा में चल रहे मानवाधिकार उल्लंघन और चुनौतियों को उजागर करती है।

अफगानियों के साथ क्या कर रहा तालिबान?

तालिबान का कहना है कि वे इस्लामी कानून की अपनी व्याख्या के अनुरूप अधिकारों का सम्मान करते हैं। उल्लेखनीय है कि तालिबान जब से सत्ता में वापस आया है। विदेश और रक्षा मंत्रियों ने अफगानिस्तान से सभी सहयोगी सैनिकों को वापस बुला लिया है। तालिबान ने ज्यादातर अफगान महिला कर्मचारियों को सहायता एजेंसियों में काम करने से भी रोक दिया है, ब्यूटी सैलून बंद कर दिए हैं, महिलाओं को पार्कों में जाने से रोक दिया है और पुरुष अभिभावक की अनुपस्थिति में महिलाओं की यात्रा पर रोक लगा दी है।