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पाकिस्तान-चीन सहयोग के नए युग की हुई शुरुआत, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने क्यों कहा ऐसा?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बैठक के दौरान पाकिस्तान-चीन संबंध पर चर्चा की। उन्होंने कहा आईटी संचार खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में पाकिस्तान-चीन सहयोग का एक नया युग शुरू हो गया है और इससे आर्थिक विकास होगा। उन्होंने कहा इन क्षेत्रों में पाकिस्तान-चीन सहयोग को बढ़ावा देने से आर्थिक विकास होगा क्षेत्रीय संबंध मजबूत होंगे और दोनों देशों के बीच संबंध गहरे होंगे।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 07 Jul 2024 03:33 PM (IST)
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प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान-चीन संबंध पर की बात (file photo)
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी हालिया चीन यात्रा के दौरान हुए समझौतों और एमओयू (Mou)के कार्यान्वयन पर इस्लामाबाद में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बैठक के दौरान पाकिस्तान-चीन संबंध पर चर्चा की। उन्होंने कहा, आईटी, संचार, खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में पाकिस्तान-चीन सहयोग का एक नया युग शुरू हो गया है और इससे आर्थिक विकास होगा।

इन क्षेत्रों में पाकिस्तान-चीन सहयोग को बढ़ावा देने से आर्थिक विकास होगा, क्षेत्रीय संबंध मजबूत होंगे और दोनों देशों के बीच संबंध गहरे होंगे। उन्होंने पाक-चीन दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि चीन ने हमेशा मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का साथ दिया है। उन्होंने कहा, 'चीन सबसे मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है।' 72 साल के पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता ने कहा कि उनकी चीन यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के कार्यान्वयन में कोई बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कार्यान्वयन की निगरानी करने की घोषणा की।

पाकिस्तान से 1,000 छात्रों को चीन भेजने पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री को चीनी जूता बनाने वाली कंपनियों के एक प्रतिनिधिमंडल के बारे में भी बताया गया जो हाल ही में अपनी विनिर्माण इकाइयों को नकदी संकट वाले देश में ट्रांसफर करने के लिए पाकिस्तान का दौरा कर रहा है और चीनी कंपनियों के पास इस क्षेत्र में 5-8 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश करने की क्षमता है।

शहबाज शरीफ ने कृषि क्षेत्र में ट्रेनिंग के लिए सरकारी छात्रवृत्ति पर पाकिस्तान से 1,000 छात्रों को चीन भेजने के संबंध में प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) सहित सभी चार प्रांतों के छात्रों को योग्यता के आधार पर चीन भेजा जाना चाहिए, जबकि बलूचिस्तान के पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों को कार्यक्रम में विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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