7 दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को लौटाने होंगे 469 करोड़ रुपये, FAME-2 स्कीम में की थी गड़बड़ी
केंद्र सरकार ने फेम-2 योजना के नियमों के अनुपालन नहीं करने के बावजूद इंसेंटिव का दावा करने वाली सात इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कंपनियों से 469 करोड़ रुपये लौटाने को कहा है। दोषी पाई गई कंपनियों के नाम हीरो इलेक्ट्रिक ओकिनावा आटोटेक एंपियन ईवी रिवोल्ट मोटर्स बेनली इंडिया एमो मोबिलिटी और लोहिया आटो हैं। शिकायत के आधार पर इसकी जांच की गई थी।

नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। केंद्र सरकार ने फेम-2 योजना के नियमों के अनुपालन नहीं करने के बावजूद इंसेंटिव का दावा करने वाली सात इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कंपनियों से 469 करोड़ रुपये लौटाने को कहा है। सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अगर कंपनियां यह राशि नहीं लौटती हैं, तो उन्हें सात से दस दिनों के अंदर फेम-2 योजना से हटा दिया जाएगा। साथ ही उन्हें इस प्रोत्साहन योजना में हिस्सा लेने की भी मंजूरी नहीं दी जाएगी।
इन कंपनियों को वापस करने होंगे पैसे
दोषी पाई गई कंपनियों के नाम हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा आटोटेक, एंपियन ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनली इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया आटो हैं। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग और मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019 में फेम-2 योजना की शुरुआत की थी। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई है। भारी उद्योग मंत्रालय की जांच में पता चला है कि इन कंपनियों ने निर्धारित मानकों का उल्लंघन करते हुए प्रोत्साहन राशि ली है।
469 करोड़ रुपये की होगी वसूली
इसको लेकर एक अधिकारी ने कहा, 'हमारी जांच में छह कंपनियां आरोप मुक्त हो गईं, जबकि सात कंपनियों को मानकों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। हमने उनसे 469 करोड़ रुपये मांगे हैं। उन्हें यह राशि सरकार को लौटानी होगी।' सरकार को घरेलू स्तर पर निर्मित उपकरणों के बजाय आयातित उपकरण अपने ईवी उत्पादों में लगाने की शिकायत मिली थी।
इस शिकायत के आधार पर जांच की गई थी। अधिकारी ने बताया कि सात में से दो कंपनियों ने प्रोत्साहन राशि ब्याज के साथ लौटाने पर हामी भरी है। हालांकि जब इस मामले में ओकिनाव आटोटेक और रिवोल्ट मोटर्स से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
कंपनियों ने क्या कहा?
सरकार के नोटिस को लेकर हीरो इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने कहा कि ये नोटिस जिस अवधि के लिए दिया गया है उस समय कंपनी ने अनुपालन में कोई खामी नहीं बरती थी। इस वजह से यह नोटिस कंपनी के लिए प्रासंगिक नहीं है। वहीं, लोहिया आटो के सीईओ ने कहा कि हमें सब्सिडी लौटाने के बारे में सरकार के किसी विभाग से कोई सूचना या नोटिस नहीं मिला है।
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