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    LFP बैटरी: इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की असली गेम-चेंजर

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 11:31 AM (IST)

    आजकल इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की मांग बढ़ रही है। लोग अब बैटरी की लाइफ़ पर ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं। ज़्यादातर ई-स्कूटर्स में दो तरह की बैटरी होती हैं NMC और LFP। कंपनियाँ LFP बैटरी को ज़्यादा पसंद कर रही हैं क्योंकि ये ज़्यादा टिकाऊ और सुरक्षित होती हैं। Suzuki ने भी LFP बैटरी के साथ अपना पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर e-ACCESS लॉन्च किया है।

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    इलेक्ट्रिक स्कूटर में LFP बैटरी ही क्यों? जानिए लंबी लाइफ़ और सुरक्षा का राज़

    ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की लोकप्रियता बढ़ने के साथ, लोग अब न सिर्फ कितनी दूर चल सकते हैं बल्कि कितने समय तक चलेंगे? इस प्रश्न का सबसे महत्वपूर्ण उत्तर बैटरी में छिपा है, जो इलेक्ट्रिक व्हीकल का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। आजकल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में दो प्रकार की बैटरी तकनीकें उपयोग की जाती हैं। पहला निकेल मैंगनीज कोबाल्ट (NMC) और दूसरा लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP)। इन दोनों के अपने लाभ और नुकसान हैं, और बैटरी का चुनाव ही गाड़ी की लंबी सेवा जीवन निर्धारित करेगा।

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    LFP बैटरी अब कुछ कंपनियों द्वारा उपयोग की जाती है। यही कारण है कि सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने यह तकनीक अपने पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर, सुजुकी ई-एक्सेस (Suzuki e-ACCESS), में शामिल की है। आइए, इसकी विशेषताओं को जानें।

    LFP बैटरी क्या है? इसे NMC से कैसे अलग करता है?

    1. लंबी आयु: NMC बैटरी की तुलना में LFP बैटरी की आयु दो से तीन गुना अधिक होती है।
    2. अधिक सुरक्षित: LFP बैटरी अधिक सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि यह ओवरहीटिंग या आग लगने का कम खतरा है।
    3. दायित्व: LFP बैटरी NMC की तुलना में थोड़ी भारी होती है और कम ऊर्जा वाली होती है, लेकिन यह लंबे समय तक बेहतर काम करती है। यह उन राइडर्स के लिए सर्वश्रेष्ठ है जो बैटरी की ड्यूरेबिलिटी को अधिक महत्व देते हैं, जो एक बार चार्ज करने पर बहुत ज्यादा रेंज चाहते हैं।

    LFP बैटरी को ख़ास क्या बनाता है?

    Suzuki e-ACCESS

    लॉन्ग बैटरी लाइफ

    यह ग्राफ समय के साथ LFP और NMC बैटरियों की कैपेसिटी में होने वाली कमी की तुलना करता है।

    LFP बैटरी (जिसका उपयोग सुजुकी e-ACCESS में किया गया है) (ब्लू लाइन): LFP बैटरी की कैपेसिटी धीरे-धीरे और निरंतर कम होती है, जैसा कि यह लाइन बताती है। इसका अर्थ है कि लंबे समय या कई चार्जिंग साइकल के बाद भी यह अपनी पूरी क्षमता को बरकरार रख सकता है।

    NMC बैटरी (डॉटेड लाइन): यह लाइन बताती है कि NMC बैटरी की क्षमता तेजी से कम होती है। यह बैटरी जल्दी अपनी क्षमता खो देती है जैसे-जैसे चार्जिंग साइकल बढ़ती है।

    कस्टमर के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?

    NMC बैटरी की तुलना में LFP बैटरी की लाइफ और चार्जिंग साइकिल दोगुनी होने की उम्मीद है। इसका अर्थ है कि ग्राहक को कम बैटरी बदलनी पड़ेगी, इससे लंबे समय में कम खर्च होगा और राइडर खुश होगा।

    लंबी अवधि की बैटरी क्यों आवश्यक है?

    इलेक्ट्रिक गाड़ी चलाने वालों के लिए मेंटेनेंस का सबसे महंगा हिस्सा बैटरी बदलना है। जब एक स्कूटर की बैटरी जल्दी खराब हो जाती है, तो शुरू में वह 100 किमी की रेंज देने वाली स्कूटर की रेंज धीरे-धीरे कम हो सकती है। Suzuki e-ACCESS जैसे LFP बैटरी वाले वाहनों की रेंज लंबे समय तक बनी रहती है। राइडर्स सालों तक एक ही रेंज पर रहते हैं, जिससे बैटरी देर से बदलनी पड़ती है और स्कूटर की कुल उम्र बढ़ जाती है।

    लॉन्ग टर्म रेंज 

    Suzuki e-ACCESS

    यह ग्राफ गाड़ी की चार्जिंग रेंज को चार्ज करते समय कैसे बदलता है। इसमें NMC और LFP बैटरियों का प्रदर्शन तुलना करना शामिल है।

    NMC बैटरी (रेड डॉटेड लाइन): यह लाइन बताती है कि NMC बैटरी शुरू में अधिक रेंज देती है, लेकिन जैसे-जैसे गाड़ी चलती जाती है, इसकी रेंज तेजी से कम होने लगती है।

    LFP बैटरी (ब्लू रंग की रेखा): Suzuki e-ACCESS की LFP बैटरी इस लाइन पर दिखाई देती है। यह शुरू में थोड़ी कम रेंज के साथ आता है, लेकिन बाद में यह ज्यादा स्थिर और समान रहता है।

    उदाहरण के लिए, NMC बैटरी वाले स्कूटर LFP बैटरी वाले स्कूटर से कुछ अधिक रेंज प्रदान कर सकते हैं। बाद में, LFP बैटरी रेंज NMC बैटरी रेंज के बराबर हो जाती है। इसके बाद, LFP अपनी रेंज बनाए रखती है, जिससे यह समय के साथ स्पष्ट रूप से बेहतर है।

    3.1 किलोवाट बैटरी से 95 किमी की रेंज भले ही रेंज तुलना में महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सब नहीं है। यह मानते हुए कि भारत में ज्यादातर लोग रोजाना कम दूरी का सफर करते हैं, कुछ कंपनियां अधिक रेंज बेचने के बजाय कर्मचारियों की दैनिक कार्यक्षमता को बेहतर बनाने पर ध्यान दे रही हैं। सुजुकी ने e-ACCESS का इसी प्रकार उपयोग किया है। 3.1 किलोवाट की बैटरी 95 किमी की रेंज देती है। प्रयोगात्मक डेटा के अनुसार, औसत भारतीय स्कूटर चालक हर दिन लगभग ३० किमी चलता है; इसका अर्थ है कि अधिकांश लोग एक बार चार्ज करने के बाद तीन दिन तक स्कूटर चलाते रह सकते हैं।

    मजबूती और सुरक्षा के लिए तैयार

    बैटरी की तकनीक की तरह, बैटरी की सुरक्षा और जांच भी महत्वपूर्ण है। सुजुकी e-ACCESS स्कूटरों में बैटरी को स्कूटर के फ्रेम में लगाया गया है और एक मजबूत एल्यूमीनियम केस में रखा गया है। यह आग से अधिक सुरक्षित है और बाहरी नुकसान से कम प्रभावित है।

    साथ ही, हर e-ACCESS स्कूटर और उसकी बैटरी को कठोर परीक्षणों से गुजारा जाता है, जिसमें मोटर बेंच, कुचलना, छेद करना, वाइब्रेशन, गिरना, अधिक गर्मी और ठंडे तापमान की जांच, पानी में डूबना आदि शामिल हैं। यह उन्हें असली दुनिया में राइडिंग की मुश्किलों से बचाता है।

    (Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।कृपया अपनी समझदारी से निर्णय लें.)