चीन का असर, अब Maruti Suzuki E Vitara के प्रोडक्शन में हो सकती है 69 फीसदी की कमी
Maruti E-Vitara Production Cut दुनियाभर में जहां कारों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए EVs पर फोकस किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत में भी इलेक्ट्रिक कारों को अपनाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के एक फैसले के कारण देश की प्रमुख वाहन निर्माता Maruti Suzuki को अपनी पहली इलेक्ट्रिक गाड़ी Maruti E Vitara का प्रोडक्शन कम करना पड़ सकता है।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। देश की प्रमुख वाहन निर्माता Maruti Suzuki की ओर से कई सेगमेंट में वाहनों की बिक्री की जाती है। निर्माता की ओर से जनवरी 2025 में ही अपनी पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी के तौर पर Maruti E Vitara को पेश किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉन्च से पहले ही इस एसयूवी के प्रोडक्शन में 69 फीसदी तक की कमी आ सकती है। ऐसा क्यों हो रहा है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
Maruti E Vitara के प्रोडक्शन में आएगी कमी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मारुति की ओर से जनवरी 2025 में औपचारिक तौर पर पेश की गई पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी Maruti E Vitara के प्रोडक्शन में कमी (E-Vitara production cut) आ सकती है। जानकारी के मुताबिक इस एसयूवी के प्रोडक्शन में 69 फीसदी तक की कमी हो सकती है। ऐसा एक अंर्तराष्ट्रीय कारण (Maruti Suzuki China impact) से होने की खबर है।
क्या है कारण
जानकारी के मुताबिक मारुति ई-विटारा के प्रोडक्शन में कमी का प्रमुख कारण चीन का एक फैसला है। चीन की ओर से कुछ रियर अर्थ मिनिरल्स (Rare earth materials) के निर्यात पर रोक लगा दी गई है। यह रियर अर्थ मिनिरल्स टेक इंडस्ट्री में मैग्नेट और अन्य कंपोनेंट्स को बनाने में काफी महत्पवूर्ण होते हैं, जिनको किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन में उपयोग किया जाता है। जब चीन की ओर से इनके निर्यात पर रोक लगा दी गई है तो इसका असर मारुति की ई-विटारा पर भी हो रहा है और इसी का नतीजा है कि मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी के प्रोडक्शन में 69 फीसदी तक की कमी आ सकती है।
कितना था लक्ष्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक मारुति सुजुकी की ओर से पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी के तौर पर पेश की गई ई-विटारा के लिए 26512 यूनिट्स के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अब इस लक्ष्य को कम करते हुए करीब 8221 यूनिट्स तक किया जा सकता है। सप्लाई सही तरह से न होने के कारण अप्रैल से सितंबर के बीच इन यूनिट्स का प्रोडक्शन किया जा सकता है।
क्या है भारत की स्थिति
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका, जापान, यूरोप की कुछ निर्माताओं को चीन से लाइसेंस मिल चुका है और इसी कारण से उनको रियर अर्थ मिनिरल्स की सप्लाई में आसानी हो रही है। लेकिन भारत की निर्माता अभी भी लाइसेंस और अन्य विकल्पों के लिए कोशिश कर रही हैं। जिसका असर मारुति ई-विटारा के प्रोडक्शन पर भी हो रहा है।
लॉन्च में हो सकती है देरी
जानकारी के मुताबिक अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी के लॉन्च में देरी भी हो सकती है। इसके अलावा निर्माता की ओर से लिमिटेड यूनिट्स के साथ डिलीवरी को शुरू किया जा सकता है।
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