Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अररिया में बड़ा एक्शन, डेटा एंट्री ऑपरेटर 10000 घूस के साथ गिरफ्तार; तबीयत बिगड़ी

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 09:21 PM (IST)

    अररिया जिले में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने एक डेटा एंट्री ऑपरेटर को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद ऑपरेटर की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। भ्रष्टाचार निरोधक विभाग मामले की जांच कर रहा है।

    Hero Image

    डेटा एंट्री ऑपरेटर 10000 घूस के साथ गिरफ्तार

    संवाद सूत्र, फारबिसगंज (अररिया)। निगरानी विभाग की टीम ने शुक्रवार को अंचल कार्यालय फारबिसगंज में छापेमारी करते हुए रिश्वत के दस हजार रुपये के साथ कार्यालय के डेटा एंट्री ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया। वहीं छापेमारी की भनक लगते ही कार्यालय से सीओ पंकज कुमार फरार हो गए। निगरानी के हत्थे चढ़े डेटा एंट्री ऑपरेटर का नाम योगेश कुमार चौधरी है, जो रामपुर उत्तर वार्ड संख्या तीन फारबिसगंज निवासी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गिरफ्तारी के बाद ऑपरेटर की तबीयत बिगड़ जाने पर टीम उसे इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज ले गई। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक देख बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया। जिसके बाद निगरानी विभाग की टीम में शामिल पदाधिकारी उसे पूर्णिया लेकर चले गए।

    65520082

    मामले में बताया जाता है कि निगरानी विभाग को सूचना मिली थी कि म्यूटेशन के नाम पर कार्यालय में रुपये की मांग की जा रही है। टीम के द्वारा शिकायत के सत्यापन के उपरांत विभाग के डीएसपी विन्देश्वर प्रसाद के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अविनाश कुमार, अजय कुमार, सोनू कुमार सहित अन्य ने अंचल कार्यालय पहुंचकर घेराबंदी की।

    बताया जाता है कि निगरानी टीम के निर्देश पर शिकायतकर्ता के द्वारा डेटा एंट्री ऑपरेटर योगेश कुमार चौधरी को दस हजार रुपये रिश्वत दिया गया। जिसे सीओ को दिया जाना था। इसी क्रम में निगरानी टीम पहुंची और आपरेटर को 10 हजार नकद के साथ पकड़ लिया।

    इधर, निगरानी टीम के अंचल कार्यालय पहुंचने की सूचना मिलते ही सीओ पंकज कुमार कार्यालय से फरार हो गए। बताया जाता है कि निगरानी द्वारा सीओ से संपर्क करने की कोशिश की जाती रही, लेकिन संपर्क नहीं हुआ।

    इधर, ऑपरेटर के गिरफ्तार होने एवं उसकी तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलते ही एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा, थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचकर जानकारी ली। अस्पताल में मौजूद निगरानी विभाग की टीम में शामिल पदाधिकारी ने छापेमारी के संदर्भ में मीडिया को कोई भी जानकारी देने से परहेज करते रहे।

    पूछे जाने पर निगरानी के डीएसपी बिंदेश्वर प्रसाद ने कहा कि म्यूटेशन के नाम पर रिश्वत की मांग की गई थी। जिसके सत्यापन के बाद पहुंची टीम के द्वारा 10 हजार रिश्वत के साथ ऑपरेटर योगेश कुमार चौधरी को गिरफ्तार किया गया।

    ऑपरेटर की तबीयत खराब हो जाने पर उसे इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया।