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    नेपाल से भारत में घुस रहे थे बोलीविया, सूडान, मोरक्को और कनाडा के उपद्रवी, बिहार में जोगबनी सीमा पर 5 विदेशी नागरिक गिरफ्तार

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 03:38 AM (IST)

    Nepal Latest News भारत में घुस रहे 5 विदेशी नागरिकों को बिहार के जोगबनी में भारत नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया है। बोलीविया के 30 वर्षीय मिगुएल इम्बीसी उत्तरी सूडान के 30 वर्षीय स्मान हमातदेउराही मोरक्को के 28 वर्षीय मो इब्राहिम अहमद कनाडा के 30 वर्षीय मो धापल और 28 वर्षीय मो माजुप को दबोचने के बाद पुलिस ने नेपाल में हिंसा भडकाने वाला या फिर फरार अपराधी बताया।

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    Nepal Latest News: भारत में घुस रहे 5 विदेशी नागरिकों को बिहार में भारत नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया।

    संवाद सूत्र,  जोगबनी (अररिया)। Nepal Latest News नेपाल सशस्त्र पुलिस बल ने भारत नेपाल सीमा के जोगबनी से सटे नेपाल भाग के रानी सीमा चौकी से पांच विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। सशस्त्र पुलिस बल नेपाल स्थित प्रस्तावित सीमा सुरक्षा बल, रानी के डीएसपी विकास खातीवाड़ा ने गुरुवार सुबह लगभग छह बजे नेपाल से भारत जा रहे इन पांचों लोगों को संदिग्ध लगने पर रोककर पूछताछ की। सशस्त्र पुलिस बल ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में उन्होंने खुद को तीसरे देश का नागरिक बताया। इस संबंध में कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाने पर उन्हें रानी स्थित क्षेत्रीय पुलिस कार्यालय को सौंप दिया गया।

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    सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि गिरफ्तार लोगों में बोलीविया के 30 वर्षीय मिगुएल इम्बीसी, उत्तरी सूडान के 30 वर्षीय स्मान हमातदेउराही, मोरक्को के 28 वर्षीय मो ब्राहिम अहमद, कनाडा के 30 वर्षीय मो धापल और 28 वर्षीय मो माजुप शामिल हैं। पुलिस के अनुसार उनके पास से वैध दस्तावेज तो नहीं मिले, लेकिन नेपाली रुपये थे। बताया जा रहा है कि उनकी गतिविधियां पर्यटकों जैसी नहीं लग रही थी। आशंका है कि वे फरार अपराधी भी हो सकते हैं या फिर हिंसक प्रदर्शन का हिस्सा। इस कारण सभी को आवश्यक जांच व आगे की पूछताछ के लिए नेपाल पुलिस को सौंप दिया गया है।

    नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता से लोग हलकान

    नेपाल में ओली सरकार द्वारा 26 इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ पड़ोसी देश नेपाल में शुरु हुआ आंदोलन अब धीरे धीरे खत्म हो चुका है। हालांकि मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता को लेकर नेपाल के बुद्धिजीवी वर्गों में चिंता साफ तौर पर झलक रही है। आंदोलन के चौथे दिन भारत जोगबनी सीमा से सटे नेपाल की औद्योगिक नगरी विराटनगर के हालात अब सामान्य नजर आए। गुरुवार को दैनिक जागरण ने जब विराटनगर की सड़कों का जायजा लिया तो स्थानीय लोगों की चहलकदमी के साथ छोटे-मोटे दुकान भी खुले हुए नजर आए।

    वहीं विराटनगर की कई पुलिस थाना एवं चौकी जो आंदोलन के दौरान तहस नहस हुए थे। पुलिस कर्मी एवं पदाधिकारी ड्यूटी छोड़कर भाग गए थे, वे ड्यूटी पर पहुंचते हुए नजर आए। विराटनगर के महेंद्र चौक, रोड शेष चौक, रानी बाजार आदि स्थानों पर सेना की टुकड़ी के साथ नेपाल पुलिस भी गश्त कर रही है। पूरा विराटनगर सेना के कब्जे में नजर आया। सामान्य हो रहे हालात में सेना ने भी कर्फ्यू में ढील देना शुरु कर दिया है।

    सेना को स्थानीय लोगों का समर्थन भी प्राप्त हो रहा है। सेना ने संध्या पांच बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू की घोषणा की है। विराटनगर की ट्रैफिक व्यवस्था भी सुचारु नजर आया। सेना के साथ नेपाल के प्रहरी ट्रैफिक की कमान संभाले हुए नजर आए। इधर आंदोलन एवं आगजनी में नुकसान हुए कार्यालय का आकलन भी नेपाल के कर्मी कर रहे है। वहीं विराटनगर के विभिन्न विद्यालयों के द्वारा हालात पूरी तरह सामान्य होने तक विद्यालय के बंद रहने की जानकारी अभिवावकों को दी गई है।

    नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता पर अपनी बात रखते हुए विराटनगर जेन-जी आंदोलन के समर्थक अनिकेत गुप्ता, सागर सुब्बा, अविष्कार गर्तोला, राहुल भट्टराइ, अमित पोखरेल, एंजेला नेपाली, अस्मिता राय मांझी, विवेक दहल आदि ने दैनिक जागरण को बताया कि नेपाल में मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता चिंता का विषय जरूर है, लेकिन अब नेपाल सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर है।

    जेन-जी आंदोलन समर्थित युवाओं ने कहा कि अब उन्हें नेपाल में बनने वाली सरकार से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि अब नेपाल में भ्रष्टाचार मुक्त एवं जनता की समस्या को समझने वाली सरकार मिलने वाली है। युवाओं की टोली ने काफी आक्रोशित होते हुए कहा कि उनकी मांग है कि अब नेपाल में प्रधानमंत्री बने तो जनता के वोट से बने, वहीं प्रधानमंत्री का कार्यकाल भी दो बार का ही हो। साथ ही प्रधानमंत्री बनने से पहले से उसकी संपत्ति भी सार्वजनिक होनी चाहिए।