Bank Robbery:दक्षिण बिहार बैंक में चोरी से हड़कंप, तीन नाबालिग बदमाशों ने उड़ाए 17 लाख रुपये
अरवल के करपी थाना क्षेत्र में दक्षिण बिहार बैंक से 17 लाख से अधिक की चोरी हुई है। तीन नाबालिक लगभग 1 घंटे से बैंक के आसपास विचरण कर रहे थे। इस बीच बैंक का लिंक फेल होने पर कैशियर अपने केबिन से बाहर निकल गया उसे चंद मिनट पहले ही 17 लाख कैश बैंक में आया था। मौका पाकर नाबालिक कैश भरा बैग उठाकर भाग निकला।

संवाद सहयोगी, करपी (अरवल)। करपी थाना मुख्यालय स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक से शनिवार को तीन युवक 17 लाख 66 हजार 840 रुपये कैश लेकर भाग निकले। घटना की जानकारी बैंक कर्मियों को 15 मिनट बाद लगी, जब बैंक में रुपये गिनने की खराब मशीन को ठीक करने मैकेनिक पहुंचा।
वह कैश रूम में घुसा तो वहां रुपयों से भरा बैग गायब था। दोपहर डेढ़ बजे की घटना है। बैंक प्रबंधक आरबी प्रसाद ने बताया कि मै बैंक कार्य से अरवल गया हुआ था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बैंक प्रबंधक ने बताया कि तीन युवकों को चोरी की घटना से आधे घंटे पूर्व से बैंक में घूमते हुए देखा गया।
कैशियर शशांक शिवम ने बताया कि बैंक का लिंक फैल होने के कारण कैसे केबिन से बाहर से निकलकर औरंगाबाद आइटी सेल से लिंक के संबंध में बात कर रहा था। इसी बीच कैश गिनने वाली मशीन बनाने के लिए मैकेनिक केबिन में गया तो रुपए से भरा बैग गायब था। पुलिस संदेह के आधार पर दो लोगों को हिरासत में ले पूछताछ कर रही है।
पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज को खंगालने पर देखा गया कि तीन युवक में से एक युवक कैश काउंटर पर जबकि दूसरा इधर उधर विचरण करता रहा। तीसरा युवक बैंक के ग्राउंड फ्लोर पर खड़ा था। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार तीनों की उम्र 22 से कम होगी। उजला शर्ट पहना एक युवक दो तीन बार कैश काउंटर के पीछे जाता है और फिर काउंटर के अंदर प्रवेश कर एक बैग हाथ में लेकर बैंक से बाहर निकल जाता है।
पहले भी बैंक से 19 लाख की हुई थी चोरी
बिहार ग्रामीण बैंक से दिनदहाड़े दर्जनों उपभोक्ताओं की उपस्थिति में लगभग 18 लाख रुपए की चोरी ने बैंक की सुरक्षा को कठघरे में खड़ा कर दिया है। यह बैंक करपी -शहरतेलपा मुख्य पथ पर पुराने थाना के सामने है। वर्तमान थाना से आधा किलोमीटर दूर है।
इस स्थान पर प्रतिदिन जाम की समस्या उत्पन्न होती रहती है। बैंक की रखवाली के नाम पर एक चौकीदार की प्रतिनियुक्ति रहती है। लेकिन शातिर चोरों ने आराम से निर्भीक होकर घटना का अंजाम दिया। यदि रुपए गिनने वाली मशीन ठीक करने मैकेनिक नहीं आता तो चोरी की घटना की जानकारी और विलंब से लगती।
ये लापरवाही बैंक अधिकारियों एवं कर्मियों पर कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। 15 वर्ष पूर्व भी इस बैंक से 19 लाख रुपये की रात्रि में चोरी हुई थी। उस समय यह बैंक दूसरे भवन से संचालित था। उस घटना के बाद प्रतिदिन बैंक का कैश थाने में रखा जाता था और वहीं ले जाया जाता था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।