Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Bihar Election: छठ गीतों ने गांवों में रोक रखा चुनावी शोर, लोग बोले- कहा कोय जीततै तोरा की काम

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 10:16 AM (IST)

    बिहार में छठ पूजा के गीतों ने चुनावी शोर को कम कर दिया है। गाँव में लोग त्योहार में व्यस्त हैं और चुनावी चर्चा कम हो रही है। लोग आपस में बात कर रहे हैं कि चुनाव में कौन जीतेगा, इससे तुम्हारा क्या काम। फिलहाल, हर तरफ छठ पूजा की धूम है।

    Hero Image

    छठ के बीच चुनावी चर्चा नहीं कर रहे गांव वाले

    राहुल कुमार, बांका। चुनाव चिह्न का आवंटन हो जाने के बाद भी अबकी गांवों में ना चुनावी शोर गूंज रहा है ना दीवारों का बैनर पोस्टर ही जगह पा रहा है। कुछ प्रत्याशी और उनके समर्थक जरूर वोट मांगने के लिए गलियों की खाक छान रहे हैं। चुनावी शोर के बदले गांवों में छठ मैया का गीत गूंज रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गली-गली में उगो-उगो हो सूरज देव...जैसे गीतों से आस्था परवान चढ़ रही है। अब संभावना है कि छठ पूजा समापन के बाद ही चुनावी शोर लोगों की कानों में सुनाई पड़ेगा। हां, ऐसा नहीं कि गांवों में प्रत्याशी नहीं पहुंच रहे हैं और लोग च़ुनाव की चर्चा नहीं कर रहे हैं।

    टिकट वितरण के पहले से ही बिहारी गांव सियासत की चाशनी में डूबा हुआ है। शहर से बाहर ढाकामोड़ रोड में निकलते ही पहला गांव शंकरपुर है। नहर मोड़ के चाय दुकान के अलावा एक घर में भी छठ का गीत गूंज रहा है। छठ की खरीदारी करने निकले कुछ लोग बैठे-बैठे सियासत पर बतिया रहे हैं।

    सुरेश यादव कहते हैं कि अबकी बांका के मैदान का खेल नया है। लाल झंडा वाले को टिकट मिला है। जगदीश राय तपाक से जवाब देता है-बांका लाल नाय भगवा झंडा वाला रह छेकै। हरा-लाल यहां कुछ नाय, फेरू रामनारायने जीततो। इसपर युवा पंकज और सुधीर तर्क देते हैं कि फूल वाला रह वोट काटय लेली, के ठोरे खाड़अ होय गेलोअ छय।

    चर्चा गर्म होते देख बुजूर्ग ने दार्शनिक अंदाज में कहा कोय जीततै तोरा की काम, जो पहिनअ छठअ र सामान खरीदी क याव। आगे बढ़ने पर जोगडीहा गांव में दो-तीन जगह छठ गीत गूंज रहा है। जदयू के एक नेता बताते हैं कि अबकी मुस्लिम वोटर टिकट कटने से गुस्सा में है। उसका प्रत्याशी भी मैदान में आ गया है।

    अब खेल में कोई दम थोड़े बचा है। आगे बढ़ने पर हर जगह गांवों में छठ गीत बज रहा है। और युवाओं की टोली गांव की गलियों को साफ करने में जुटी दिख रही है। कुछ युवा नदियों में घाट बना रहे हैं।

    ढाकामोड़ से बाराहाट तरफ बढ़ने पर कुछ युवा जोर में घाट बना रहे हैं। चुनावी हवा पूछने पर कहते हैं कि पहले छठ मैया का पूजा हो जाने दीजिए। तब वोट-भाट का हाल समझने में आएगा।

    मुख्य सड़क से गुजर रहे वाहनों में भी छठ का गीत बजते हुए गुजर जा रहा है। सड़क पर आज आम दिनों से अधिक भीड़ है। गांव के लोग बांका और बाराहाट बाजार त्योहारों की खरीदारी में निकले हुए हैं।

    इधर, सभी निर्वाची पदाधिकारी कार्यालय में आज भीड़ कम है। वहां से अभी माइक या प्रचार वाहन का भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ है। कुछ प्रत्याशी ने इसका आवेदन जरूर दे रखा है। उम्मीद रखिये छठ गीत खत्म होते ही शहर से लेकर गांव की गलियों तक में फलां छाप जिदांबाद का नारा गूंजने लगेगा। तब तक आप भी छठ मैया की अराधना कीजिए।