Updated: Wed, 27 Aug 2025 03:37 PM (IST)
बांका में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य विभाग मुफ्त प्रशिक्षण दे रहा है। इच्छुक उम्मीदवार मत्स्य निदेशालय के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। विभाग प्रशिक्षणार्थियों के रहने-खाने का खर्च भी उठाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में आठ बैच भेजे जाएंगे। बांका में मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हुई है और यह स्वरोजगार का बेहतर जरिया बन रहा है।
संवाद सूत्र, बांका। अगर आप मछली पालन से जुड़कर रोजी-रोजगार करना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आपको ट्रेनिंग के लिए एक भी पैसे खर्च नहीं करने होंगे। आपको फ्री में ट्रेनिंग मिलेगी। इसका पूरा खर्च मत्स्य विभाग उठाएगा, लेकिन इसके लिए आपको मत्स्य निदेशालय के पोर्टल पर या तो आवेदन करना होगा या फिर मत्स्य कार्यालय में भ्रमण दर्शन के लिए आवेदन करना होगा।
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इसके बाद आपको आपको जिला और राज्य के अंदर जहां पर मछली उत्पादन बेहतर तरीके से हो रहा है वहां ले जाकर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। यहां तक की आपको वहां पर आने जाने से लेकर रहने और खाने-पीने तक की व्यवस्था मत्स्य विभाग की ओर से की जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
मत्स्य निदेशालय के पोर्टल पर आवेदन करना है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान जिले के अंदर, राज्य के अंदर और राज्य के बाहर प्रशिक्षण के लिए आठ बैच को भेजा जाएगा। प्रत्येक बैच में 30-30 लोगों को शामिल किया जाएगा।
दरअसल, जिले में कई ऐसे किसान हैं, जो अभी बड़े पैमाने पर मछली पालन कर रहे हैं। तीन जगहों पर मत्स्य बीज तैयार करने के लिए हेचरी भी लगया गया है। भ्रमण दर्शन योजना के तहत जिले के अंदर ऐसे ही किसानों के फार्म पर ले जाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही मछली पालन के दौरान किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन सभी तरह की जानकारियां भी दी जा सकेंगी।
जिला मत्स्य पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में जिले में बड़ी संख्या में युवा मछली पालन से जुड़े हैं। मछली पालन स्वरोजगार का बेहतर जरिया बनता जा रहा है। इसके लिए विभाग की ओर से भी कई तरह की सहायता दी जा रही है।
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में जिले ने मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज स्थिति यह है कि जिला न केवल अपनी मछली की खपत पूरी कर रहा है, बल्कि अतिरिक्त उत्पादन को आसपास के जिलों के बाजारों तक भेजा जा रहा है।
मत्स्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में बांका में मछली का कुल उत्पादन 13.5 हजार टन था। लगातार प्रयासों और नई तकनीकों के उपयोग से यह उत्पादन 2024-25 में बढ़कर 17 हजार टन तक पहुंच गया। यानी तीन वर्षों में साढ़े तीन हजार टन की वृद्धि दर्ज की गई।
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