डंडारी सीओ की गिरफ्तारी के विरोध में धरना, हड़ताल पर गए सभी अंचलाधिकारी
बेगूसराय में डंडारी अंचलाधिकारी की गिरफ्तारी के विरोध में जिले के सभी अंचलाधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। अधिकारियों ने सुरक्षा की मांग करते हुए कहा है कि जब तक उन्हें सुरक्षा का भरोसा नहीं मिलेगा वे काम पर नहीं लौटेंगे। विजिलेंस टीम द्वारा सीओ की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि इससे सरकारी सेवकों की सुरक्षा पर सवाल उठता है।

जागरण संवाददाता, बेगूसराय। जिले के डंडारी प्रखंड में मंगलवार को निगरानी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अंचलाधिकारी राजीव कुमार और उनके डाटा ऑपरेटर कुंदन कुमार को दो लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
इस घटना से जिलेभर में प्रशासनिक हलचल मच गई है। गिरफ्तारी के विरोध में बेगूसराय जिले के सभी अंचलाधिकारी अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं, जिससे राजस्व कार्य पूरी तरह ठप हो गया है।
निगरानी विभाग के डीएसपी अरुणोदय पांडेय ने बताया कि वांक गांव निवासी विजय कुमार चौरसिया ने शिकायत दी थी कि तीन भाइयों ने आपसी बंटवारे के बाद अपनी-अपनी जमीन की जमाबंदी कायम करने के लिए आवेदन दिया था।
इस दौरान अंचलाधिकारी राजीव कुमार द्वारा तीन लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। बाद में मामला दो लाख रुपये पर तय हुआ। सत्यापन के बाद विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और डंडारी अंचल कार्यालय से सीओ और उनके डाटा ऑपरेटर को पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद सीओ राजीव कुमार ने एक वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि वे पंचायत समिति की बैठक में मौजूद थे और उन्हें फंसाने की साजिश रची गई है।
उनका दावा था कि न तो उन्होंने रिश्वत मांगी और न ही उनके पास से पैसे बरामद हुए। सीओ ने कहा कि केवल डाटा ऑपरेटर से रुपये बरामद किए गए हैं और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है। बैठक के दौरान सीओ की गिरफ्तारी का प्रखंड प्रमुख तनवीर अहमद समेत कई जनप्रतिनिधियों ने भी विरोध किया।
इस गिरफ्तारी के बाद जिले के सभी अंचलाधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। सीओ संघ ने विभाग और जिला प्रशासन से लिखित सुरक्षा आश्वासन की मांग की है।
उनका कहना है कि भू-माफिया और असामाजिक तत्वों से सीधी टकराहट के कारण अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसाया जा सकता है। बखरी सीओ राकेश कुमार ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से सरकारी सेवकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।
सामूहिक अवकाश से जिले में जमीन से जुड़े मामलों की सुनवाई और अन्य राजस्व कार्य पूरी तरह बाधित हो गए हैं। ग्रामीण स्तर पर भी कई काम अटक गए हैं। अचानक हुई इस कार्रवाई और उसके बाद अधिकारियों की हड़ताल से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है।
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