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    चींटी जितना सूक्ष्म एंटीना बदल देगा वाई-फाई और संचार की दुनिया, नेटवर्क कवरेज होगा बेहतर

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 03:26 PM (IST)

    एक चींटी के आकार का छोटा एंटीना वाई-फाई और संचार प्रौद्योगिकी में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। यह वाई-फाई की गति और दक्षता में सुधार कर सकता है, बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान कर सकता है और सेलुलर संचार और उपग्रह संचार जैसे संचार के अन्य रूपों में भी क्रांति ला सकता है। यह वायरलेस संचार के भविष्य को आकार दे सकता है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    ललन तिवारी, भागलपुर। भागलपुर स्थित ट्रिपल आईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी) ने एक ऐसा अनोखा सूक्ष्म एंटीना विकसित किया है, जो आने वाले समय में न केवल इंटरनेट की गति को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि वायरलेस डिवाइसेज के आकार को भी बेहद छोटा बना देगा।

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    इस अत्याधुनिक तकनीक को पेटेंट भी मिल चुका है। यह ‘डिजिटल इंडिया’, ‘सेमीकंडक्टर मिशन’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों के सपनों को साकार करने में सक्षम है।

    माचिस की तीली से पतला, लेकिन दमदार 

    यह एंटीना ‘जीरोथ आर्डर रेजोनेटर’ (जोर) तकनीक पर आधारित है, जिसकी मोटाई महज 1.6 मिलीमीटर है। यह चिप पर आसानी से फिट हो जाता है और वहीं से हाई बैंडविड्थ सिग्नल प्रसारित करता है। इसकी खास बनावट और डिजाइन इसे पारंपरिक भारी-भरकम एंटीना से कहीं ज्यादा प्रभावशाली बनाती है।

    इस एंटीना में तीन चौकोर पैच होते हैं, जिन पर खास ढंग से तिरछी स्लाटिंग की गई है। इससे सिग्नल की रेंज और बैंडविड्थ दोनों में बढ़ोतरी होती है।

    प्रत्येक पैच के बीच लगाया गया शार्टिंग पोल चुंबकीय कुंडली की तरह कार्य करता है और सिग्नल को स्थिर बनाए रखता है। इसकी वीएसडब्ल्यूआर (वोल्टेज स्टैंडिंग वेव रेशियो) दो से भी कम है, जिसे किसी भी एंटीना की उच्चतम दक्षता माना जाता है।

    इस तकनीक की एक बड़ी खासियत इसकी कम लागत है। इसका उपयोग खिलौनों से लेकर उपग्रहों तक में किया जा सकेगा, जिससे यह एक बहुउपयोगी और आर्थिक रूप से सुलभ समाधान बन जाता है।

    कहां-कहां होगा उपयोग वाई-फाई राउटर

    पारंपरिक बड़े एंटीना हट जाएंगे, छोटे राउटर भी हाई-स्पीड इंटरनेट देंगे। छोटा राउटर भी 4 के वीडियो और ऑनलाइन गेम बिना रुकावट के चलाएगा।

    मोबाइल नेटवर्क

    बेस स्टेशन छोटे होंगे, ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कवरेज बेहतर होगी।

    एविएशन

    विमान और एयर ट्रैफिक कंट्रोल में अबाध संचार संभव होगा।

    रक्षा क्षेत्र

    मिसाइल ट्रैकिंग और युद्धपोतों में सुरक्षित संचार मिलेगा।

    मौसम विज्ञान 

    रडार और उपग्रह डेटा ट्रांसमिशन कई गुना तेज हो जाएगा।

    यह तकनीक तेज संचार के लिए वरदान होगी। छोटे आकार और बहुउपयोगिता के कारण इसका उपयोग खिलौनों से लेकर रक्षा और अंतरिक्ष तक हर क्षेत्र में होगा। वाई-फाई की दुनिया बदल जाएगी और भारत वैश्विक संचार बाजार में अग्रणी बन सकेगा।

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    - डॉ. मधुसूदन सिंह, निदेशक, ट्रिपल आईटी, भागलपुर