Updated: Tue, 09 Sep 2025 10:19 AM (IST)
भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार जलस्तर सारे रिकॉर्ड तोड़ सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और प्रयागराज में यमुना के उफान ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है और निगरानी बढ़ा दी है।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। भागलपुर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और स्थिति गंभीर होती जा रही है। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने आशंका जताई है कि इस बार नदी का स्तर अब तक के सभी रिकॉर्ड को तोड़ सकता है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गंगा का उच्चतम जलस्तर 34.86 मीटर दर्ज हुआ था, जबकि डेंजर लेवल 33.68 मीटर है।
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अनुमान है कि आने वाले दिनों में यह स्तर 35 मीटर से ऊपर जा सकता है। सोमवार को जलस्तर में हल्की गिरावट जरूर दर्ज की गई, लेकिन पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश और प्रयागराज में यमुना के उफान ने हालात को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
उत्तराखंड और नेपाल की पहाड़ियों पर हो रही लगातार बारिश से गंगा की सहायक नदियां उफान पर हैं। दूसरी ओर, प्रयागराज में यमुना का पानी गंगा में मिलने से धारा और तेज हो गई है। प्रयागराज और वाराणसी में जलस्तर बढ़ने का सीधा असर बिहार के जिलों पर, विशेष रूप से भागलपुर में देखा जा रहा है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, भागलपुर के कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने बताया कि तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अनुमान है कि भागलपुर में बाढ़ का संकट गहरा सकता है। गंगा का जलस्तर पिछले रिकॉर्ड को पार कर सकता है और नवनिर्मित एनएच-80 जैसी ऊंची सड़क भी धारा में आ सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले सात दिनों में स्थिति और विकट हो सकती है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। प्रशासन ने निगरानी तेज कर दी है और लगातार जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
गंगा के उफान से निचले इलाकों में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी हिस्सों में भी बाढ़ की स्थिति बनने की आशंका है। यदि जलस्तर में गिरावट नहीं आती है तो आने वाले दिनों में बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती है।
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