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    69 सेकेंड में करना होगा साबित कि आप चला सकते हैं बाइक... तभी मिलेगा DL; कार के लिए 4 मिनट का टेस्ट

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 10:01 PM (IST)

    भागलपुर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियम सख्त हो गए हैं। अक्टूबर से आवेदकों को ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट पास करना होगा। मारुति सुजुकी ने तिलकामांझी में ट्रैक बनाया है जहाँ कैमरे और सेंसर से निगरानी की जाएगी। असफल होने पर दोबारा मौका मिलेगा लेकिन शुल्क देना होगा। डीटीओ के अनुसार इससे लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

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    69 सेकेंड में करना होगा साबित कि आप चला सकते हैं बाइक... तभी मिलेगा DL

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। डीएल बनाने के लिए अब आपको साबित करना होगा कि आप बाइक व कार अच्छी तरीके से चला लेते हैं, क्योंकि अक्टूबर से आपको ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट देना होगा। आपको यह टेस्ट ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक पर बाइक के लिए 69 सेंकेंड और कार के लिए चार मिनट में पास करना होगा।

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    जिले में माारुती सुजुकी ने तिलकामांझी सरकारी बस डिपो में ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक बनाकर उसका ट्रायल कर के जिला परिवहन विभाग के हवाले कर दिया है। अब जिला परिवहन विभाग के द्वारा यहां पर सुरक्षा से जुड़ें कार्यो को पूरा करने के बाद इसके शुरु करने की तैयारी है।

    जिला परिवहन विभाग के द्वारा चारदिवारी सहित अन्य निर्माण के लिए 20 लाख का प्रपोजल भेजा है। इसकी स्वकृिति मिलते काम शुरु होगा। आपको बता दें कि ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक की सेंट्रलाइज सिस्टम निगरानी की जाएगी। मारुती सुजुकी और परिवहन विभाग के द्वारा सात जिलों में टेस्ट ट्रैक बनकर तैयार हैं।

    18 कैमरे व सेंसर से टेस्ट की होगी निगरानी

    ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक पर 16 टावर और पोल लगाए गए हैं। जिसमें 15 और 12 मीटर के दो-दो और 9 मीटर के 12 टावर लगाए गए हैं। इसकी मॉनिटरिंग को लेकर 18 हाईटेक कैमरे इंस्टॉल किया गया है। इसके अलावा ट्रैक पर तार के माध्यम से सेंसर भी लगाए जाएंगे।

    वहीं. इसको लेकर साफ्ट ट्रैक साफ्टवेयर तैयार किया गया है। जिसे एक सरवर जोड़ा जाएगा। जो बड़ी स्क्रीन के साथ सात कंप्यूटर से जुड़े रहेंगे। इसके माध्यम से टेस्ट देने वाले चालकों के हर गतिविधि पर निगरानी रहेगी।

    फेल होने पर फिर मौका

    परिवहन विभाग से जुड़े पदाधिकारी ने बताया कि यदि कोई अभ्यर्थी टू-व्हीलर व फोर-व्हीलर के टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे एक सप्ताह बाद दोबारा टेस्ट देने का मौका दिया जएगा। इसक लिए अभ्यर्थी को फिर से स्लॉट बुक करना होगा और शुल्क भी देना होगा। एक वाहन में फेल होने पर 800 और दोनों में फेल होने पर 1150 शुल्क देना होगा।

    लर्निंग लाइसेंस बनवाने के 6 महीने के भीतर यदि स्थाई डीएल के लिए आवेदन नहीं किया गया तो लाइसेंस अवधि खत्म हो जाएगी। टू व्हीलर और फोर व्हीलर लर्निंग लाइसेंस के लिए 740 रु. शुल्क और स्थाई डीएल के लिए 2300 रु. शुल्क तय है। फिर से लर्निंग को रिन्यू करवाने के लिए 690 शुल्क देना होगा।

    ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक बनकर तैयार है। इसका ट्रायल भी कर लिया गया है जो सफल रहा है। यहां पर सुरक्षा से जुड़े और टेस्ट देने आने वाले अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक चीजों की जरूरत है। इसको लेकर विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। सारी चीज पूरी होने के बाद अक्टूबर से इसे शुरू किया जाएगा। इसके शुरू होने से लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। - जनार्दन कुमार डीटीओ भागलपुर