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    IIT JEE NEET Mock Test: मॉक टेस्ट में खुल गई शिक्षा विभाग की पोल, 1766 बच्चों में से 1722 हुए फेल

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 01:54 PM (IST)

    बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित आईआईटी जेईई और नीट के मॉक टेस्ट में 97.5% बच्चे फेल हो गए। भागलपुर में 1766 में से केवल 44 पास हुए। राज्यभर में भी निराशाजनक परिणाम रहे कई जिलों से एक भी छात्र सफल नहीं हुआ। इस परिणाम ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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    मॉक टेस्ट में खुली शैक्षणिक गुणवत्ता की पोल, 1766 में 1722 फेल

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को आईआईटी जेईई और नीट की परीक्षा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से जुलाई माह में मॉक टेस्ट का आयोजन कराया। मॉक टेस्ट ने राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को विज्ञान और गणित की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के दावों की कलई खोल कर रख दी।

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    97.5 प्रतिशत बच्चे मॉक टेस्ट में फेल हो गए। दरअसल, जिले के साथ-साथ राज्य भर में 11वीं 12वीं के छात्रों के लिए आईआईटी जेईई व नीट एग्जाम के लिए स्कूलों में संचालित आइसीटी लैब में मॉक टेस्ट आयोजित हो रहा है। यह मॉक टेस्ट गुरुवार तक आयोजित होगा। मॉक टेस्ट की जुलाई माह की रिपोर्ट शिक्षा विभाग की आंख खोलने वाली है।

    शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 14 और 15 जुलाई को आयोजित आईआईटी जेईई के मॉक टेस्ट में जिले में मात्र 44 बच्चे ही पास कर पाए। 1722 बच्चे फेल हो गए हैं। इन दोनों टेस्ट में 1766 बच्चों ने हिस्सा लिया था। असफल होने वालों बच्चों का प्रतिशत 97.5 है, तो शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

    वहीं, बांका जिले की बात करें तो यहां आईआईटी जेईई और नीट के मॉक टेस्ट में 987 बच्चों ने भाग लिया था। जिसमें से 93 बच्चे पास और 894 फेल हो गए। राज्य में 38 जिले से 37921 बच्चों ने भाग लिया। जिसमें से 1968 पास हुए और 35953 फेल हो गए। इस बार करीब 1200 से अधिक बच्चे हिस्सा ले रहे हैं।

    पटना, मधेपुरा, मुंगेर जिलों से एक भी बच्चे नहीं हुए मॉक टेस्ट में सफल

    जुलाई महीने में आयोजित आईआईटी जेईई के मॉक टेस्ट में पटना की भागीदारी निराशाजनक रही। शिक्षा विभाग से जारी रिपोर्ट के मुताबिक छह जिलों को यलो जोन में रखा गया था, क्योंकि इन जिलों से 100 बच्चे भी टेस्ट में हिस्सा नहीं लिए थे।

    मधेपुरा, किशनगंज, मुंगेर, सहरसा, पटना और शिवहर येलो जोन में शामिल थे। जिनमें से सिर्फ किशनगंज से पांच बच्चे पास किए थे। पटना जिले से 34 बच्चों ने भाग लिया, जिनमें 34 फेल हुए थे। मधेपुरा से 90 में 90 फेल, मुंगेर से 69 में 69 फेल शिवहर से 9 में 9 फेल हुए थे।