जागरण संवाददाता, भागलपुर। रेशमी शहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बड़ी सौगात दी है। साहेबगंज में 413 करोड़ की लागत से निर्मित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन और अमृत मिशन 2.0 की 62 करोड़ की लागत से जलापूर्ति योजना के कार्य का शिलान्यास किया गया।
इन योजनाओं का सोमवार को पुर्णिया से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन कर दिया। इस अपशिष्ट शोधन संयंत्र की क्षमता 45 एमएलडी यानी मिलियन लीटर प्रति दिन होगी।
इसके निर्माण से शहर का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित नहीं होगी। यह संयंत्र नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बनाया गया है। जिसका उद्देश्य गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाना है।
कचरे से 300 केवीए बिजली का उत्पादन
वर्तमान में प्लांट पूरी तरह से जलशोधन के लिए तैयार है। सभी संयंत्र का डेढ़ माह पहले ट्रायल एंड रन पूरा हो चुका है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कचरे के अवशेष से बिजली उत्पन्न होगी।
शोधन प्रक्रिया के बाद टैंक में जमा कचरे से मिथेन गैस बनेगा। जिससे 300 केवीए का बिजली उत्पादन किया जाएगा।
इस उर्जा से ही प्लांट के सभी संयंत्र का संचालन होगा। कचरे से उर्जा तैयार करने की प्रक्रिया अभी देश के प्रयागराज में ही है, जबकि देश का दूसरा प्लांट भागलपुर में बना है। यह भागलपुर के लिए गौरव की बात है। वहीं इस परिसर में बदबू नहीं होगी।
आक्सीजन देने वाले प्लांट केला, अमरूद नासपाती के पौधे लगाए जाएंगे। इसे पर्यटन के रूप में विकसित किया गया है।
एफसीआर टेक्नोलाजी के तहत टैंक में कचरा जमा होगा। प्राथमिक शोधन के बाद बचे हुए पानी को बड़े टैंकों में भेजा जाएगा।
इन टैंकों में सूक्ष्मजीव (जैसे बैक्टीरिया) पनपते हैं। ये सूक्ष्मजीव पानी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को खाकर उन्हें तोड़ेंगे। नीचे बैठे गाद का भी ट्रीटमेंट होगा।
नाले के पानी का शोधन कर गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। नौ पंपिंग स्टेशन से प्लांट में पानी पहुंचेगा। जिससे गंगा की धारा प्रदूषित नहीं होगी।
तीन पंपिंग स्टेशन से चालू हुआ प्लांट वर्तमान में अलीगंज, विश्वविद्यालय व सूर्यलोक कालोनी के पंपिंग स्टेशन से प्लांट में नाले का पानी पहुंच रहा है।
वहीं चंपापुल, बंगाली टोला, बूढ़ानाथ में दो और बरारी के दो पंपिंग स्टेशन से पानी आगामी जनवरी में पहुंचने लगेगा। अभी वन विभाग से अनुमति मिली है।
गंगा का जलस्तर घटने के बाद नाथनगर से बरारी तक पाइप बिछाने व पंपिंग स्टेशन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
भागलपुर शहर के लिए एक ऐतिहासिक दिन
मेयर इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनके प्रयासों से यह महत्वपूर्ण परियोजना साकार हो रही है।
मेयर डा. बसुंधरा लाल, डिप्टी मेयर सलाहउद्दीन अहसन व नगर आयुक्त शुभम कुमार ने संबोधन में कहा कि भागलपुर शहर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
यह परियोजना गंगा नदी की स्वच्छता और शहर के पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मेयर ने कहा, इस परियोजना भागलपुर के विकास के लिए मील का पत्थर बताया।
उन्होंने कहा कि यह संयंत्र न केवल शहर के अपशिष्ट जल का वैज्ञानिक तरीके से शोधन करेगा, बल्कि गंगा नदी को भी प्रदूषण मुक्त रखने में सहायक होगा।
इसका मुख्य उद्देश्य मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र को अपशिष्ट जल में मौजूद हानिकारक पदार्थों से बचाना है। यह प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है।
इस अवसर पर बुडको परियोजना निदेशक अखिलेश प्रसाद, उप परियोजना निदेशक सद्दाम हुसैन, अडाणी से विपुल मिश्रा आदि मौजूद थे।
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