लेडी टीचर ने सोशल मीडिया पर ऐसा क्या लिख दिया... DEO ने ले लिया इतना बड़ा एक्शन; सीधा कर दिया सस्पेंड
भागलपुर जिले में सन्हौला प्रखंड की प्रधान शिक्षिका सुप्रिया कुमारी को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। जिला शिक्षा विभाग ने जांच के लिए टीम गठित की है। शिक्षिका ने निलंबन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन बताया और कहा कि वह अपना संघर्ष जारी रखेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी सोशल मीडिया पोस्ट से डरती है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले के सन्हौला प्रखंड के प्रावि भुवनचक की प्रधान शिक्षिका सह शिक्षक नेता सुप्रिया कुमारी को विभागीय आदेश के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने और शिक्षकों को गुमराह कर उकसाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश के बाद डीपीओ स्थापना ने पत्र जारी किया है। वहीं पत्र में कहा गया है कि शिक्षिका ने जानबूझकर अनुशासनहीनता बरती और अपने दायित्वों के प्रति लापरवाह रहीं।
वहीं, निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय शाहकुण्ड प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय रहेगा। वहीं जिला शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच को लेकर दो सदस्यीय टीम बनाई गई है।
इसमें जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन योजना) को संचालन पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सन्हौला को उपस्थापन पदाधिकारी नामित किया गया है। शिक्षिका के विरुद्ध आरोप पत्र अलग से निर्गत किया जाएगा।
वहीं, इसको लेकर प्रधान शिक्षिका सह बिहार पंचायत शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव सुप्रिया सिंह ने कहा कि मेरा निलंबन संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है। पदाधिकारियों द्वारा संविधान की हत्या कर सत्य को दबाने का कुत्सित प्रयास है। सोशल मीडिया पर सरकार की गलत नीतियों का विरोध कहीं से भी गलत नहीं है। न कोई मेरी गलत मंशा थी।
उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे ही मामले में कोर्ट ने पदाधिकारियों को इस सम्बन्ध में फटकार लगाई है। एक आम शिक्षिका के सोशल मीडिया पोस्ट से सरकार इतनी डरती है ये अब पता चला, लेकिन में विचलित नहीं हूं। अपना संघर्ष लगातार जारी रखूंगी। आवश्यकता पड़ने पर मैं न्यायालय और अपने संविधान का सहारा लूंगी।
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