राहुल गांधी, कांग्रेस को संजीवनी देंगी बिहार की ये 2 सीटें, यहां गढ़ बचाने आ रहे अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और अधीर रंजन चौधरी
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी ने इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव लाया है। पार्टी का फिलहाल पूरा फोकस भागलपुर सीट पर है, क्योंकि यह सीट कांग्रेस लगातार जीतती आ रही है। संगठन इस जीत को बरकरार रखने को माइक्रो लेवल पर तैयारी कर रहा है। वहीं सुल्तानगंज, कहलगांव सीट पार्टी के लिए पूर्व से ही चुनौती बनी हुई है।

Bihar Elections 2025: राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में रणनीति में बड़ा बदलाव लाया है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar Elections 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव लाई है। पार्टी का फिलहाल फोकस भागलपुर सीट पर है, क्योंकि यह सीट कांग्रेस लगातार जीतती आ रही है। संगठन इस जीत को बरकरार रखने के लिए माइक्रो लेवल पर तैयारी कर रहा है। वहीं सुल्तानगंज, कहलगांव सीट पार्टी के लिए चुनौती बनी हुई है, जहां पिछले चुनावों में हार मिली थी। ऐसे में कांग्रेस अब पूरी ताकत तीनों सीटों पर संतुलन बनाते हुए अपने प्रदर्शन को बेहतर करने में जुट गई है। हालांकि अभी सीट शेयरिंग को लेकर सुल्तानगंज और कहलगांव सीट फंसी हुई है। लेकिन पार्टी अपनी तैयारी कर रही है।
भागलपुर सीट पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत है और पार्टी इसे किसी भी सूरत में हाथ से जाने नहीं देना चाहती। पंचायत से लेकर शहरी वार्डों तक बूथवार संपर्क अभियान शुरू किया गया है। पर्यवेक्षकों की निगरानी में संगठन की इकाइयों को सक्रिय किया गया है। समर्थकों की पहचान के लिए मोहल्लों में झंडा और स्टीकर लगाने का अभियान चल रहा है। सोशल मीडिया पर भावी उम्मीदवार सक्रिय हैं और व्हाट्सएप नंबर व क्यूआर कोड के माध्यम से मतदाताओं से सीधे जुड़ने की कोशिश हो रही है।
दूसरी ओर सुल्तानगंज और कहलगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस को इस बार नई रणनीति के साथ उतरना पड़ रहा है। यहां पिछले चुनावों में हार के कारण संगठन की सक्रियता कमजोर पड़ी थी। अब पार्टी घर-घर संपर्क अभियान चलाकर कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित करने में जुटी है। ब्लॉक स्तर पर बैठकें और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर बूथवार कमेटियां बनाई जा रही हैं। जातीय समीकरणों और स्थानीय मुद्दों पर फोकस करते हुए कांग्रेस इस सीट पर वापसी की कोशिश में है।
दिल्ली और पटना से जारी वार रूम प्लानिंग के तहत दोनों सीटों पर विशेष नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया और ग्राउंड टीम मिलकर स्थानीय मुद्दों को डिजिटल प्लेटफार्म पर उठा रही हैं। विपक्ष के बयानों और रुझानों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी से सबक लेते हुए इस बार कांग्रेस ने उन्हें साधने की पहल की है। राष्ट्रीय स्तर के नेता अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और अधीर रंजन चौधरी को राज्य की चुनावी तैयारियों की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच तालमेल बना रहे।
प्रत्येक विधानसभा में राजनीतिक समीकरण, मतदाता रुझान और संगठन की स्थिति का डेटा तैयार किया जा रहा है। बूथवार कमेटियों की सूची अपडेट है और कार्यकर्ताओं को नई जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस इस बार भागलपुर में अपनी जीत कायम रखने और सुल्तानगंज और कहलगांव में हार को जीत में बदलने की रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। पार्टी की कोशिश है कि बूथ से लेकर सोशल मीडिया तक हर स्तर पर समन्वय बनाकर अपना प्रदर्शन बेहतर किया जाए।
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