Bihar Politics: कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में 62 में से 38 सीटों पर टेंशन; दलों के बीच खींचतान
बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी गठबंधन में सीटों का बंटवारा मुश्किल बना हुआ है। कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार की 62 सीटों में से 38 पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है। भागलपुर, बांका, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, मुंगेर, खगड़िया, जमुई और लखीसराय में कई सीटों पर दलों के बीच खींचतान जारी है।

माधबेन्द्र, भागलपुर। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है, लेकिन सीटों का बंटवारा अब तक गठबंधनों के गले की हड्डी बना हुआ है। कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार की कुल 62 सीटों में से 38 पर अब भी जिच बरकरार है। इन सीटों पर दावेदारी को लेकर मोलभाव और जोड़तोड़ का दौर जारी है। कोसी के चार जिलों में जहां राजग और महागठबंधन दोनों अपने पुराने समीकरण साधने में लगे हैं, वहीं सीमांचल की राजनीति एआईएमआईएम और निर्दलीयों की मौजूदगी से और पेचीदा हो गई है।
पूर्व बिहार में भी सियासी बिसात पर दावेदार जुटे हुए हैं। राजग और महागठबंधन के अंदरखाने सीटों की खींचतान ने प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा दी है। अब सारा ध्यान इस बात पर टिका है कि आखिर गठबंधन किन सीटों पर समझौते की डोर थाम पाते हैं, और किन पर बगावत की आग भड़कती है।
भागलपुर: भागलपुर जिले में सात विधानसभा सीटों को लेकर दोनों गठबंधनों में तगड़ी रस्साकशी है। राजग में नाथनगर, गोपालपुर और कहलगांव, जबकि महागठबंधन में सुल्तानगंज, कहलगांव, बिहपुर और गोपालपुर पर पेच फंसा है। लोजपा नाथनगर सीट चाहती है, तो जदयू कहलगांव पर अडिग है। गोपालपुर से जदयू के विधायक गोपाल मंडल और बुलो मंडल दोनों टिकट की चाह में हैं। सुल्तानगंज सीट पर कांग्रेस और राजद में खींचतान है। कुल मिलाकर जिले में समीकरण बेहद पेचीदा हैं।
पेंच वाली सीटें: 04
बांका: बांका जिले में सीट बंटवारे पर महागठबंधन में खींचतान है। कांग्रेस अमरपुर और सीपीआइ बांका सीट चाहती है। बांका सीट पर राजद के पूर्व मंत्री जावेद इकबाल और सीपीआइ के नए राष्ट्रीय सचिव संजय कुमार दोनों मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। एनडीए में अमरपुर से जदयू के विधायक सह मंत्री जयंत राज की स्थिति मजबूत है, पर भाजपा के पूर्व प्रत्याशी मृणाल शेखर भी सक्रिय हैं। यहां हर दल के भीतर टिकट को लेकर गहमागहमी है।
पेंच वाली सीटें: 02
पूर्णिया: पूर्णिया जिले में सात विधानसभा क्षेत्रों में इस बार भी दलों के बीच सीट बंटवारे पर माथापच्ची जारी है। महागठबंधन में धमदाहा सीट पर झामुमो ने दावा ठोका है, जबकि एनडीए में कसबा सीट को लेकर हम और जदयू के बीच तनातनी है। दोनों गठबंधनों में एक-एक सीट पर पेंच फंसने की संभावना जताई जा रही है। उम्मीदवारों की भीड़ से दिल्ली-पटना के दरवाजे खटखटाए जा रहे हैं।
पेंच वाली सीटें: 02
अररिया: अररिया जिले की छह सीटों में फारबिसगंज और जोकीहाट पर पेच फंसा है। फारबिसगंज में कांग्रेस और राजद सीट पर दावेदारी को लेकर आमने-सामने हैं, जबकि जोकीहाट में भाजपा और जदयू दोनों की नजबर है। यहां तस्लीमुद्दीन के जेयष्ठ पुत्र सरफराज आलम के जदयू के टिकट पर लड़ने चर्चा है। सरफराज फिलहाल राजद में हैं। पिछली बार जोकीहाट से भाजपा के उम्मीदवार रंजीत यादव ने चुनाव लड़ा था। यहां से एआइएमआइएम के शाहनवाज आलम ने जीत दर्ज की थी। वे अब राजद में हैं।
पेंच वाली सीटें: 02
किशनगंज: किशनगंज जिले की चार विधानसभा सीटों पर दावेदारी की राजनीति तेज है। किशनगंज सीट पर कांग्रेस और राजद दोनों की नज़र है। बहादुरगंज और कोचाधामन में एआइएमआइएम से आए विधायकों के बाद समीकरण बदले हैं। कांग्रेस और राजद दोनों टिकट की चाह में कई नामों पर विचार कर रहे हैं।
पेंच वाली सीटें: 02
कटिहार: कटिहार की सात विधानसभा सीटों में लगभग सभी पर दावेदारी की गांठें हैं। कदवा और बरारी सीटों पर भाजपा-जदयू में टकराव है। बरारी में महागठबंधन के भीतर एक दर्जन दावेदार टिकट पाने की जद्दोजहद में हैं। प्राणपुर में राजद और कांग्रेस दोनों की नजर है। मनिहारी और बलरामपुर में एनडीए में आधा दर्जन से अधिक नाम टिकट की कतार में हैं। जन सुराज की सक्रियता ने मुकाबले को बहुकोणीय बना दिया है। यहां लगभग हर विधानसभा में टिकट को लेकर गुत्थी उलझी हुई है।
पेंच वाली सीटें: 07
सहरसा: सहरसा जिले की चार विधानसभा सीटों में टिकट वितरण को लेकर घमासान है। सहरसा सीट पर महागठबंधन में कांग्रेस और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी में खींचतान है। महिषी सीट पर जदयू के गुंजेश्वर साह की जगह नए चेहरे की चर्चा है। सिमरी बख्तियारपुर में एनडीए में चार दल आमने-सामने हैं।
पेंच वाली सीटें: 03
मधेपुरा: मधेपुरा की चार सीटों पर महागठबंधन और एनडीए दोनों में पेच बना हुआ है। महागठबंधन में बिहारीगंज और आलमनगर पर विवाद है, जबकि मधेपुरा और सिंहेश्वर (सुरक्षित) पर राजग में मतभेद हैं। राजद पूरे जिले में लड़ने की तैयारी में है, जबकि भाजपा और हम भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। उम्मीदवारों को लेकर असमंजस कायम है।
पेंच वाली सीटें: 04
सुपौल: सुपौल जिले की पांच सीटों पर एनडीए का कब्जा है, पर इस बार सीट शेयरिंग पर विवाद उभर रहा है। त्रिवेणीगंज (सुरक्षित) सीट पर लोजपा(रा) दावा ठोक रही है, जबकि निर्मली में भी बदलाव की चर्चा है। महागठबंधन में वीआईपी एक सीट पर दावा कर रही है। एनडीए और महागठबंधन दोनों में हलचल तेज है।
पेंच वाली सीटें: 02
मुंगेर: मुंगेर जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर समीकरण बदलते दिख रहे हैं। मुंगेर विस से भाजपा विधायक के साथ दो अन्य नामों की चर्चा है। जमालपुर में कांग्रेस विधायक अजय कुमार के अलावा अन्य दलों के नेता टिकट की जुगाड़ में हैं। तारापुर में पिछले उपचुनाव का असर इस बार भी दिखेगा। एनडीए और महागठबंधन दोनों में सीटों को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
पेंच वाली सीटें: 02
खगड़िया: खगड़िया की चार विधानसभा सीटों पर दोनों गठबंधनों में समीकरण उलझे हैं। खगड़िया सदर सीट पर जदयू, भाजपा और लोजपा(रा) में खींचतान है। परबत्ता में जदयू, भाजपा और राजद आमने-सामने हैं। अलौली (सुरक्षित) सीट पर राजद और लोजपा(रा) में जोर आजमाइश है, जबकि बेलदौर से वीआइपी के साथ कई दावेदार मैदान में हैं। स्थिति साफ नहीं है, पर गठबंधन-स्तर पर कई गुत्थियां उलझी हैं।
पेंच वाली सीटें: 03
जमुई: जमुई जिले की चार विधानसभा सीटों पर गठबंधन की उलझन बरकरार है। महागठबंधन में सिकंदरा, चकाई और जमुई सीट पर पेंच है, जबकि एनडीए में भी सिकंदरा और चकाई को लेकर मतभेद हैं। सिकंदरा सीट पर कांग्रेस और राजद दोनों दावा ठोक रहे हैं। चकाई में झामुमो की भी दावेदारी है। जमुई सीट पर भाजपा से श्रेयसी सिंह का नाम लगभग तय है, वहीं राजद से विजय प्रकाश, अजय प्रताप और सुजाता सिंह जैसे नाम चर्चा में हैं। चकाई में सुमित कुमार सिंह और लोजपा के कई नेता टिकट की दौड़ में हैं।
पेंच वाली सीटें: 03
लखीसराय: लखीसराय सीट पर महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के बीच पेंच फंसा है। पिछली बार यह सीट कांग्रेस के पास थी, इसलिए राजद के कई स्थानीय नेता भी कांग्रेस के संपर्क में हैं। भाजपा-जदयू गठबंधन में भी खींचतान है। जदयू के कुछ नेता कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी में हैं, जबकि ललन सिंह के करीबी एक नेता पहले ही कांग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं। भाजपा से उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा प्रत्याशी हैं। सूर्यगढ़ा सीट पर भी स्थिति जटिल है। राजद के बागी विधायक प्रह्लाद यादव भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जिससे राजद में नई संभावनाएं खुली हैं। वहीं एनडीए में भाजपा, जदयू और लोजपा(रा) तीनों इस सीट पर दावा ठोक रहे हैं।
पेंच वाली सीटें: 02
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