Bihar: जज के आगे पुलिस की बोलती बंद, SSP को दिए जांच के आदेश... पहले खाकी ने ठहराया कसूरवार, छात्रा को उठाने वाला अब निर्दोष करार
Bihar News बिहार पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है। भागलपुर सिविल कोर्ट के एसीजेएम ने अकबरनगर थानाक्षेत्र में ढाई साल पूर्व हुए छात्रा अपहरण मामले में पुलिसिया अनुसंधान पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। अपहरण कांड में आरोपित गौतम यादव को पहले कसूरवार ठहराते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन अब निर्दोष करार दे रही है। एसएसपी को जांच के आदेश दिए गए हैं।

कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। Bihar News भागलपुर के अकबरनगर थानाक्षेत्र में ढाई साल पूर्व हुए छात्रा के अपहरण मामले में पुलिसिया अनुसंधान और सक्षम पदाधिकारियों की पर्यवेक्षण टिपणी पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। 24 अप्रैल 2022 को 17 वर्षीय इंटर की छात्रा के अपहरण कांड में सहयोगी आरोपित गौतम यादव को पहले कसूरवार ठहराते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब अनुसंधानकर्ता ने आरोपित के विरुद्ध अनुसंधान के क्रम में पर्याप्त साक्ष्य होने की बात कही।
तत्कालीन विधि-व्यवस्था डीएसपी ने गौतम के विरुद्ध लगाए गए आरोप को अपनी पर्यवेक्षण टिपणी में सत्य पाते हुए आरोप पत्र समर्पित करा दिया था। तब आरोपित गौतम यादव जेल में तीन माह से अधिक समय रहा था। उक्त केस में ढाई साल बाद सिटी एसपी ने गौतम यादव समेत अन्य की अपहरण में संलिप्तता संबंधी साक्ष्य नहीं मिलने का जिक्र करते हुए पर्यवेक्षण टिपणी में उसे आरोप मुक्त करते हुए न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट समर्पित करा दी।
अपहरण कांड से जुड़े इस केस के रिकार्ड को देखने पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने पर्यवेक्षण में भारी गड़बड़ी देख मामले में जांच का आदेश दे दिया है। न्यायाधीश ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर कौन सी परिस्थिति आन पड़ी कि तीन साल बीत जाने के बाद पूरक आरोप पत्र समर्पित किया गया।
जिसमें आरोपित गौतम यादव की संलिप्तता को नहीं दर्शाया गया। तब तो आरोपित गौतम यादव तीन माह तक गलत तरीके से जेल में रखा गया। भागलपुर के एसएसपी हृदय कांत को मामले की जांच कर एक पखवाड़े के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने उक्त आदेश की कापी रेंज आईजी विवेक कुमार को भी भेज दी है।
छात्रा के अपहरण केस की खास बातें
- अकबरनगर थानाक्षेत्र से 24 अप्रैल 2022 को 17 वर्षीय इंटर की छात्रा के अपहरण में सहयोगी आरोपित मुंगेर निवासी गौतम यादव को भेजा था जेल
- तत्कालीन डीएसपी और सिटी एसपी ने पर्यवेक्षण में गौतम समेत कई अन्य आरोपितों पर लगे आरोप सत्य पाते हुए आरोप पत्र समर्पित कराया था
- ढाई साल बाद सिटी एसपी ने उक्त आरोपित को आरोप मुक्त करते हुए न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट समर्पित करा दिया
- न्यायाधीश ने एसएसपी को मामले की जांच कर एक पखवाड़े में अपनी जांच रिपोर्ट समर्पित करने का दिया आदेश
क्या है मामला
छात्रा के अपहरण कांड में अकबरनगर थानाक्षेत्र के छीट मकंदरपुर निवासी नितीन कुमार, सुग्रीव यादव, डेजी देवी, अर्चना कुमारी, मोहन यादव और सातवें आरोपित मुंगेर के लडुई, हवले खड़गपुर निवासी गौतम यादव को नामजद आरोपित बनाया गया था। उक्त केस में अनुसंधानकर्ता ने 29 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गौतम के विरुद्ध 25 जुलाई 2022 को आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित कर दिया था।
डीएसपी ने पर्यवेक्षण में सत्य पाया आरोप
तत्कालीन विधि- व्यवस्था डीएसपी ने 30 अप्रैल 2022 को अपनी पर्यवेक्षण टिपणी जारी करते हुए अपहरण कांड के मुख्य आरोपित अमन कुमार, नीतीश कुमार, सुग्रीव यादव, डेजी देवी, अर्चना कुमारी, मोहन यादव और गौतम यादव के विरुद्ध आरोप को सत्य पाया था।
एक सिटी एसपी ने रिपोर्ट को सत्य बताया, दूसरे ने गलत
25 मई 2022 को तत्कालीन सिटी एसपी ने अपनी प्रतिवेदन-दो की रिपोर्ट जारी करते हुए इस केस में आरोपित अमन कुमार, नीतीश कुमार, सुग्रीव यादव, डेजी देवी, अर्चना कुमारी, मोहन यादव और गौतम यादव के विरुद्ध आरोप को सत्य बताया था। तत्कालीन सिटी एसपी की उस रिपोर्ट को 29 अप्रैल 2025 को वर्तमान सिटी एसपी ने अपनी प्रतिवेदन-तीन तथा 31 मई 2025 की प्रतिवेदन-चार में अंतिम आदेश जारी करते हुए अपहरण के इस केस में आरोपित गौतम यादव के विरुद्ध 25 जुलाई 2022 को समर्पित आरोप पत्र को मुक्त करने के लिए न्यायालय में अधियाचना अर्जी देने का आदेश अनुसंधानकर्ता को दे दिया।
सिटी एसपी ने पर्यवेक्षण टिपणी में अपहृता के बयान, उम्र सत्यापन और अंतिम आदेश में इस केस के आरोपित अमन कुमार उर्फ आकाश के विरुद्ध पाक्सो एक्ट और बाल विवाह अधिनियम में केस को सत्य करार दिया है। शेष आरोपित नीतीश, सुग्रीव, डेजी,अर्चना, मोहन और गौतम यादव की इस केस में संलिप्तता नहीं पाहुए उनका नाम हटाते हुए आरोपित अमन कुमार के विरुद्ध आरोप सत्य पाए जाने पर 31 मई 2025 को आरोप पत्र समर्पित करा दिया गया।
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