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    सुपौल की सड़कों में कॉमरेड: भाकपा माले ने किया विरोध-प्रदर्शन, रखे महंगाई और भ्रष्टाचार समेत 11 मु्द्दे

    By Shivam BajpaiEdited By:
    Updated: Tue, 12 Apr 2022 08:12 PM (IST)

    महंगाई और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने। सभी प्रकार के जबरिया ऋण वसूली पर रोक लगाने। नंदना के बटाईदारों को हाईकोर्ट के आदेशानुसार अंचलाधिकारी त्रिवेणीगंज द्वारा मिले कायम हक से बेदखल करने की साजिश पर रोक लगाने समेत 11 मांगों को लेकर भाकपा माले ने विरोध प्रदर्शन किया है।

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    सड़कों पर उतरे कॉमरेड ने किया विरोध प्रदर्शन।

    संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज (सुपौल): ग्यारह सूत्री मांगों को लेकर भाकपा माले की प्रखंड कमिटी द्वारा माले जिला सचिव जयनारायण यादव के नेतृत्व में मंगलवार को भाकपा माले कार्यालय से जुलूस निकालकर बाजार के मध्य से गुजरने वाली एनएच 327 ई होते हुए प्रखंड परिसर पहुंचकर प्रदर्शन किया। इसके उपरांत धरना में तब्दील हो गया। सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के जिला सचिव जयनारायण यादव ने कहा कि हमारा यह कार्यक्रम देशव्यापी है।

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    जयनारायण ने आगे कहा कि हम वामपंथियों ने मिलकर पूरे देश में एक सप्ताह तक विरोध सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है। न्यूनतम मजदूरी दर में भी सरकार द्वारा कोई वृद्धि नहीं की जा रही। जरूरी सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम में वृद्धि होने से इसका बहाना बनाकर सरकार के द्वारा पोषित बड़े-बड़े कारपोरेट घराने के लोग, बड़े व्यवसायी तेल की कीमतों में वृद्धि का हवाला देते हुए जरूरी सामानों की कीमत में अत्यधिक वृद्धि कर चुके हैं। साथ ही भ्रष्टाचार में काफी बढ़ोतरी हुई है।

    वहीं कॉमरेड अच्छेलाल मेहता ने कहा कि कमजोर आर्थिक नीतियों के कारण आम लोग महंगाई की मार से परेशान हैं। कोरोना के बाद से लगातार रोजगार के अवसर कम होने से बेरोजगारी बढ़ी है। इस पर बढ़ती महंगाई ने लोगों के जीवन को मुश्किल बना दिया है। धरना- प्रदर्शन के बाद पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा।

    जिसमें महंगाई और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, सभी प्रकार के जबरिया ऋण वसूली पर रोक लगाने, नंदना के बटाईदारों को हाईकोर्ट के आदेशानुसार अंचलाधिकारी त्रिवेणीगंज द्वारा मिले कायम हक से बेदखल करने की साजिश पर रोक लगाने, केसीसी ऋण एवं स्वयं सहायता समूह तथा जीविका दीदी का ऋण माफ किए जाने, मनरेगा में दो सौ दिन काम और छह सौ रुपये दैनिक मजदूरी दिये जाने तथा मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़े जाने, खाद की किल्लत को दूर किए जाने व कालाबाजारी पर रोक लगाने, भूदान सीलिंग व स्वेच्छा दान से प्राप्त जमीन पर पर्चा धारियों का दखल दिलाने, सभी भूमिहीनों को बसने के लिए 10 डिसमिल और जोतने के लिए एक एकड़ भसूमि दिए जाने या डी बंधोपाध्याय के सिफारिश को लागू किए जाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू किए जाने, कृषि उत्पादन बाजार समिति को पुन: बहाल किए जाने, पुलिस जुल्म पर रोक लगाए जाने आदि मांगे शामिल है।

    धरना प्रदर्शन में रामदेव यादव, सीताराम यादव, जनमेजय राई, शिवनारायण यादव ,अनमोल साह, रामदयाल यादव मुकेश यादव लल्लन यादव, सुरेश मंडल ,अवधेश सिंह, विजेंद्र यादव ,कामेश्वर यादव, रूपेश सिंह, मोहम्मद मसलिम, राम सुंदर सादा, अरुण ङ्क्षसह , विशुनदेव सरदार, भोला पासवान, घनश्याम राम, महानंद राम, वीणा देवी, मोमनी देवी, प्रमिला देवी, ललिता देवी, मीना देवी, लुखिया देवी, शकुंतला देवी सहित दर्जनों कार्यकर्ता मुख्य रूप से शामिल थे।