Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    DA Arrears 2025 Update: महंगाई भत्ते पर बड़ा फैसला ले सकते हैं राज्यपाल, TMBU में 3 साल से लंबित भुगतान

    By Prashant Kumar Edited By: Alok Shahi
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 01:50 PM (IST)

    DA Arrears 2025 Update: भागलपुर के टीएमबीयू के सहायक प्राध्यापक विवेक कुमार हिन्द ने राज्यपाल से शिक्षकों और कर्मचारियों के तीन साल से लंबित महंगाई भत्ते (डीए) और सेवानिवृत्त कर्मियों के महंगाई राहत (डीआर) के भुगतान की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे हजारों परिवार आर्थिक संकट में हैं और यह शिक्षकों की गरिमा पर आघात है। उन्होंने तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

    Hero Image

    DA Arrears 2025 Update: राज्यपाल से शिक्षकों और कर्मचारियों के तीन साल से लंबित महंगाई भत्ते (डीए) और सेवानिवृत्त कर्मियों के महंगाई राहत (डीआर) के भुगतान की मांग की गई।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। DA Arrears 2025 Update बिहार के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को तीन वर्षों से बकाया महंगाई भत्ता (डीए) और सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मियों को महंगाई राहत (डीआर) का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर शिक्षकों में गहरा आक्रोश है। इसी को लेकर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक व यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (यूडीटीए) के सचिव विवेक कुमार हिन्द ने राज्यपाल सह कुलाधिपति को पत्र लिखकर तत्काल भुगतान की मांग की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्यपाल को भेजे गए अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि पिछले तीन वर्षों से शिक्षकों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता और राहत रोक दी गई है। इससे विश्वविद्यालय समुदाय के हजारों परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लंबित राशि इतनी अधिक हो चुकी है कि इससे शिक्षकों और पेंशनभोगियों का पारिवारिक और सामाजिक संतुलन प्रभावित हो गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि आने वाले दिनों में बिहार में छठ महापर्व और विधानसभा चुनाव जैसे बड़े आयोजन होने वाले हैं। ऐसे समय में जब पूरा राज्य उत्सव के माहौल में है, विश्वविद्यालय परिवार के लोगों को अपने वैधानिक अधिकारों से वंचित रहना अत्यंत पीड़ादायक है।

    टीएमबीयू के सहायक प्राध्यापक विवेक कुमार हिन्द ने उठाई आवाज

    विवेक कुमार हिन्द ने कहा कि शिक्षक समाज के मार्गदर्शक होते हैं। उनका डीए व डीआर तीन वर्षों से रोकना न केवल आर्थिक अन्याय है, बल्कि उनकी गरिमा पर भी आघात है। सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए तो यह और भी गंभीर स्थिति है, क्योंकि उन्हें चिकित्सा और पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया है कि सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को लंबित महंगाई भत्ता तथा सेवानिवृत्त कर्मियों को महंगाई राहत का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, भविष्य में इस तरह की देरी रोकने के लिए वित्त विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।