Dhanteras, Diwali 2025 Date: धनतेरस कब है, दिवाली कब है? यहां देखें शुभ मुहूर्त, घर में जरूर लाएं ये चीजें धन बरसेगा
Dhanteras, Diwali 2025 Date: कार्तिक मास में सुख-समृद्धि की आराधना का पर्व धनतेरस, दिवाली से हमारी सारी मंगलकामना पूरी होती है। इस बार ग्रह नक्षत्रों के विशिष्ट संयोग में समृद्धिकारक चीजों की खरीदारी से लेकर गणेश-लक्ष्मी व मां काली पूजन तक हर कार्य फलदायी होंगे। 18 को धनतेरस, 20 को दिवाली मनाई जाएगी। माता लक्ष्मी, भगवान श्रीगणेश जी और मां सरस्वती की मूर्तियां एक साथ रखकर पूजन की परंपरा है।

Dhanteras, Diwali 2025 Date: कार्तिक मास में धनतेरस और दिवाली से सुख-समृद्धि की मंगलकामना पूरी होती है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Dhanteras 2025 Date, Diwali 2025 Date इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर को, छोटी दिवाली 19 अक्टूबर को और दिवाली 20 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त में मनाई जाएगी। धनतेरस और दीपावली की आहट के साथ इस बार बाजार में भगवान गणेश की तरह-तरह प्रतिमा लोगों को आकर्षित कर रहा है। इन प्रतिमाओं में गणेश जी कभी सिंहासन पर, तो कभी कमल व गद्दी पर विराजमान हैं। साथ ही झूले पर बैठे गणेश जी की प्रतिमा काफी आकर्षक है। इसकी मांग अधिक हो रही है। गुरुद्वारा रोड स्थित बर्तन कारोबारी त्रिपुरारी कुमार वर्मा ने बताया कि इस बार उन्होंने झूलते हुए गणेश जी की प्रतिमाएं विशेष रूप से जयपुर और मुरादाबाद से मंगवाई हैं। भागलपुर के बाजार में यह प्रतिमा पिछले साल ही आयी थी। इस साल भी इसकी अधिक मांग को देखते हुए मंगवायी गयी है। उन्होंने बताया कि प्रतिमा की कीमत 3000 से 3500 तक है। कई ग्राहकों ने इसकी बुकिंग भी की है और प्रतिमा धनतेरस के दिन ही लेने की इच्छा जताई है।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त Dhanteras 2025
- धनतेरस : 18 अक्टूबर (शनिवार)
- त्रयोदशी प्रवेश: दोपहर : 01:32 बजे
- खरीदारी का शुभ समय : दोपहर 01:32 बजे से पूरी रात अति मंगलकारी
दिवाली 2025, Diwali 2025
- छोटी दीपावली : 19 अक्टूबर (रविवार)
- दीपावली : 20 अक्टूबर (सोमवार)
- पूरे दिन-रात गणेश-लक्ष्मी पूजा का शुभ समय, रात्रि में होगी मां काली पूजा
माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती की संयुक्त प्रतिमाएं की भी मांग
गुरुद्वारा रोड स्थित बर्तन कारोबारी दीपक कुमार ने बताया कि बाजार में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती की संयुक्त प्रतिमाएं भी खूब बिक रही हैं। इनकी कीमत 1100 से 6100 तक है। उन्होंने बताया कि तीनों देवी-देवताओं की एक साथ पूजा करने की प्राचीन परंपरा रही है। लक्ष्मी धन की, गणेश रिद्धि-सिद्धि के और सरस्वती विद्या की देवी हैं। धन की प्राप्ति तभी होती है जब बुद्धि और ज्ञान का संग हो, इसलिए त्रिमूर्ति की पूजा से घर में सुख, समृद्धि और विद्या का वास होता है।
कछुआ श्रीयंत्र, कुबेर और नंदी प्रतिमाएं भी बाजार में
धनतेरस पर इस बार कछुआ श्रीयंत्र, कुबेर, नंदी और गाय-बछड़ा की प्रतिमाएं भी खूब बिकने की संभावना है। दुकानदारों ने बताया कि कछुआ श्रीयंत्र वाली प्रतिमा की कीमत 700 से 1250 तक है। कुबेर जी की प्रतिमा 500 से 5000, नंदी की कीमत 1200 से 7100, और गाय-बछड़ा की प्रतिमा 500 से 7100 तक बिक रही है। पंडितों के अनुसार, कछुआ स्थिरता और कुबेर धनवृद्धि के प्रतीक हैं, इसलिए धनतेरस पर इनकी स्थापना को शुभ माना जाता है।
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