Happy Diwali Greetings Wishes: इस दिवाली अपनों को भेजें ये खास संदेश, जिंदगी भर याद रहेगा, इन आकर्षक उपहारों पर भी डालें नजर
Diwali Happy Diwali Wishes: कार्तिक अमावस्या, 20 अक्टूबर, सोमवार को देशभर में दिवाली मनाई जा रही है। उदया तिथि के अनुसार संध्या समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। स्थिर लग्न में पूजा मुहूर्त शाम 7 बजकर 10 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक सर्वोतम है। तन-मन-धन से मां लक्ष्मी की आराधना करने वाले को दीर्घकालिक समृद्धि प्राप्त होती है।

Diwali Happy Diwali Wishes: ऐसी मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करने आती हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Diwali Happy Diwali Wishes इस साल कार्तिक अमावस्या, 20 अक्टूबर, सोमवार को देशभर में दिवाली मनाई जा रही है। उदया तिथि के अनुसार संध्या समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की विधिपूर्वक पूजा की जाएगी। स्थिर लग्न में पूजा मुहूर्त शाम 7 बजकर 10 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक सर्वोतम कहा गया है। इस समय तन-मन-धन से मां लक्ष्मी की आराधना करने वाले को दीर्घकालिक समृद्धि प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करने स्वर्गलोक से नीचे उतरती हैं। इधर, दिवाली पर शुभकामनाओं का दौर भी देर रात से ही शुरू हो गया है। लोग-बाग अपने रिश्तेदारों और करीबियों को तरह-तरह के मैसेज भेजकर दिवाली की बधाई दे रहे हैं। मिठाई, ड्राइफ्रूट, फल-मेवा का आदान-प्रदान भी दिवाली पर जोरों से हो रहा है।
इधर, दिवाली 2025, दीपावली में पटाखा दुकानों पर खरीदारों की काफी भीड़ है। हालांकि, पहले के मुकाबले कम दुकान खुलने से पटाखे की कीमत अधिक ली जा रही थी। कुछ दुकानदार वेरायटी चौक के पास टाेप पोप भी बेच रहा था। एक दिन पहले इसकी कीमत 300 रुपये ली जा रही थी। वहीं रविवार को इसकी कीमत चार सौ रुपये रख दी। दुकानदार का कहना था कि टोप पोप का स्टाक कम है। इसीलिए इसके दाम में इजाफा किया गया।
शहर के खीरीबांध, जीछो आदि जगहों पर थोक दुकानदारों के यहां भी ग्राहकों की भीड़ देर शाम तक रही। उधर तिलकामांझी, लाजपत पार्क, बरारी, इशाकचक, भीखनपुर आदि जगहों पर खुदरा दुकानदारों के पास पटाखे के लिए सुबह से ही भीड़ लगी है। खुदरा पटाखा दुकानदार विकय डोकानिया ने बताया कि चरखी (घिरनी) 150 से 300, नागिन 20 से 40, फूलझड़ी 30 से 80 रुपये पैकेट, अनार 150 से 600, बुलेट 50 से 150, टार्च 150 से 300 है। वहीं तिलकामांझी स्थिति एक दुकानदार जावेद ने बताया कि राकेट 500 रुपये डिब्बा बिक रहा था।
लुभा रहे दिवाली के ये खास संदेश
- हैप्पी दिवाली 2025।
- दिवाली 205 की हार्दिक शुभकामनाएं।
- मां लक्ष्मी का मिले आशीर्वाद, सुख-समृद्धि से हों आबाद।
- दीपोत्सव शुभ हो, आपके जीवन में मंगल ही मंगल हो।
- दीपों के महापर्व दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं।
- इस दिवाली आपके जीवन में नई ऊर्जा का प्रकाश सदा जगमग करता रहे।
- इस दिवाली आपके तन-मन का अंधकार दूर हो, समृद्धि का दीया जगमग करे।
- माता लक्ष्मी इस दिवाली आपको धन-दौलत और खुशियों से भर दें।
- मां लक्ष्मी का हो आशीर्वाद, श्रीगणेश का सदा हो साथ।
- इस दिवाली दीपक की रोशनी से आपके जीवन का सब अंधेरा दूर हो।
कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है दिवाली का त्योहार
हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली हर साल कार्तिक अमावस्या की तिथि को मनाया जाता है। पंडित-पुरोहित बताते हैं कि वैदिक पंचांग के अनुसार, दिवाली की तिथि उदया तिथि के आधार पर तय होता है। दिवाली की पूजा शाम के समय यानी प्रदोष काल में होती है। हिंदु धर्मावलंबियों का दिवाली महापर्व है। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए दीपावली का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी कृपा जनमानस पर सदैव बनी रहती है। माना जाता है कि व्यक्ति को धन का कभी अभाव नहीं होता है।
शास्त्रों के अनुसार दिवाली की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करने आती हैं। दीपावली के दिन घर में मां लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश, देवी सरस्वती, कुबेर, मां काली और भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैं। इसी दिन मां लक्ष्मी सागर मंथन के दौरान प्रकट हुई थी। ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन माता जिस घर में सफाई, प्रकाश व देवी देवताओं की पूजा विधि विधान से करते देखती हैं, वैसे घरों को छोड़कर माता नहीं जाती हैं। मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख और वैभव की कमी कभी नहीं होती हैं। काली पूजा के लिए मध्यरात्रि का समय सर्वोत्तम होता है।
मिथिलांचल में खेला जाता है हुक्का-पाती
मिथिलांचल में हुक्का–पाती खेल कर लोग अपने पितरों को प्रकाश का तर्पण करते हैं। हुक्का पाती की परम्परा और मान्यता अपने पितरों और पूर्वजों को सम्मान देने से जुड़ा है। इसके लिए दक्षिण दिशा में हुक्का-पाती को जलाकर पितरों को प्रकाश दिखाते हैं। दीपावाली की शाम में घर के मुखिया लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने के बाद पूजा घर के दीये से हुक्का-पांती में आग सुलगाते हैं और घर के सभी दरवाजों पर रखे गए दीये में लगाते हुए लक्ष्मी घर, दरिद्र बाहर-लक्ष्मी घर, दरिद्र बाहर...कहते हुए मुख्य द्वार से बाहर निकलते हैं। बाहर निकलकर सभी सदस्य एक जगह पर हुक्का-पाती रखते हैं और पांच बार उसका तर्पण करते हैं।
सुरक्षित दिवाली के लिए दैनिक जागरण करता है ये अपील
- पटाखे हमेशा खुली जगह पर और आवासीय क्षेत्रों से दूर जलाएं।
- पटाखा चलाने के दौरान बच्चों पर वयस्कों की निगरानी आवश्यक है।
- पटाखे चलाने के समय ढीले-ढाले या सिंथेटिक कपड़े न पहनें।
- सूती और फिटिंग वाले कपड़े पहनना बेहतर है।
- पटाखों को पानी या रेत से भरी बाल्टी के पास रखें ताकि आग लगने की स्थिति में तुरंत बुझाया जा सके।
- अधजले या न चले हुए पटाखों को छूने की कोशिश न करें, उन पर पानी डाल दें।
- पटाखों को कभी भी घरों के अंदर या भीड़-भाड़ वाली जगह पर न चलाएं।
- दीये, मोमबत्तियां और लाइटिंग की सजावट को पर्दे, लकड़ी या अन्य ज्वलनशील सामग्री से दूर रखें।
- सोने से पहले सुनिश्चित करें कि सभी दीये और मोमबत्तियां बुझा दी गई हैं।
- बिजली के तारों और एक्सटेंशन कार्ड पर ज़्यादा लोड न डालें।
- ख़राब या खुले तारों का इस्तेमाल न करें।
- तेज आवाज वाले पटाखों से बचें, क्योंकि वे ध्वनि प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
- जिन लोगों को सांस की समस्या है वे घर के अंदर रहें और दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें।
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