Sawan 4th Somwar 2025: 4 दिन सावन शेष, सोमवारी पर 1 लाख 60 हजार कांवरियों ने जल उठाया... बाबाधाम तक बोलबम की गूंज
Sawan 4th Somwar 2025 अंतिम सोमवारी पर गंगानगरी से करीब दो लाख कांवरिया बाबानगरी रवाना हुए। इससे पहले सावन की चौथी सोमवारी को लेकर पूरे दिन अजगैवीनाथ धाम श्रद्धालुओं से पटा रहा। सावन में अब गिनती के दिन शेष बचे हैं ऐसे में श्रावणी मेले में शामिल होने के लिए दूर-दूर से कांवरिया पहुंच रहे हैं।

संवाद सूत्र, अजगैवीनाथ धाम। Sawan 4th Somwar 2025 विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। भगवान भोले के प्रिय मास सावन की अंतिम सोमवारी को गंगा नगरी में कांवरियों का सैलाब उमड़ पड़ा। बिहार, झारखंड, बंगाल, नेपाल सहित विभिन्न राज्यों से आए कांवरियों ने पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा में हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारों के साथ आस्था की डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद कांवरिया बाबा अजगैवीनाथ के मनोकामना शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए सुख-शांति की कामना की।
सावन की अंतिम सोमवारी के अवसर पर लगभग 1 लाख 60 हजार शिवभक्त कांवरिया अपने कांवर में गंगाजल लेकर बैद्यनाथ धाम के लिए रवाना हुए। जैसे-जैसे सावन का दिन बढ़ता जा रहा है, कांवरियों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। पूरा अजगैवीनाथ धाम क्षेत्र केसरियामय हो चुका है, और गंगा धाम से लेकर बाबा धाम तक का माहौल भक्तिमय हो गया है।श्रावणी मेला को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय है।
प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल, स्वास्थ्य शिविर और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की है, ताकि दूर-दूर से आए शिव भक्त भागलपुर जिले से अच्छी अनुभूति लेकर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर सकें। विद्वान पंडित जयकांत झा के अनुसार, इस वर्ष शुद्ध माह में पड़ने वाले चारों सोमवार अद्भुत संयोग में हैं। सावन का अंतिम सोमवारी प्रदोष व्रत होने से अत्यंत कल्याणकारी है। इस दिन भगवान शिव की पूजा से श्रद्धालुओं के समस्त दोष समाप्त हो सकते हैं।
अंतिम सोमवारी : अजगैवीनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़
पवित्र माह सावन में भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा पाने के लिए श्रद्धालुओं ने अंतिम सोमवारी पर बाबा अजगैवीनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया। रविवार की मध्य रात्रि से ही गंगा स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा तट पर उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और बाबा अजगैवीनाथ के मनोकामना शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सुख-शांति की कामना की।
भीड़ के कारण जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ा। हर-हर महादेव, जय भोलेनाथ और जय गंगा मैया के नारों से नगरी गुंजायमान हो उठी। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अजगैवीनाथ मंदिर और गंगा घाटों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। महिला पुलिस की भी विशेष व्यवस्था की गई थी, जिसकी मॉनिटरिंग थानाध्यक्ष मृत्युंजय ने की। श्रद्धालुओं ने पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच घंटों कतार में लगकर जल अर्पण किया। सोमवार की देर संध्या तक श्रद्धालुओं की भीड़ अजगैवीनाथ मंदिर पर देखी गई।
अजगैवीनाथ मंदिर के महंत प्रेमानंद गिरि ने बताया कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय होता है, विशेषकर सावन की सोमवारी। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक से विशेष कृपा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि सावन की अंतिम सोमवारी में प्रदोष होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन भगवान शिव को जल धारा, बिल्व पत्र और दूध-दही से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। सावन माह में की गई शिव उपासना फलदायी होती है और इसका फल शीघ्र प्राप्त होता है।
बटेश्वर स्थान में शिवभक्तों का जलार्पण
इस दिन कहलगांव एवं बटेश्वर स्थान में गंगा स्नान के लिए शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जिसमें विशेष रूप से महिलाएं और कन्याएं शामिल थीं। बटेश्वर स्थान में बाबा बटेश पर जलार्पण करते हुए भक्तों ने मां काली और अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर बाबा बटेश के जयकारों से गूंज उठा। सैकड़ों शिवभक्तों ने बाबा बटेश का रुद्राभिषेक पूजन भी किया।
बाबा बटेश्वरनाथ महोत्सव के अंतर्गत अखंड संकीर्तन का आयोजन किया गया। शिवभक्तों के लिए ठंडा पानी, चिकित्सा और भंडारे की व्यवस्था की गई थी। महोत्सव के आयोजक केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान और अनुराधा खेतान ने विधिपूर्वक रुद्राभिषेक एवं श्रृंगार पूजन किया।
शाम को गंगा महाआरती का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें हजारों शिवभक्त शामिल हुए। बटेश्वर स्थान से हजारों कांवरिया गंगा जल भरकर अपने देवस्थलों में जलार्पण के लिए गए। कहलगांव में भी करीब चालीस हजार शिवभक्तों ने गंगा स्नान कर जलार्पण किया। कहलगांव नगर में अर्धनारीश्वर मंदिर में भव्य जागरण संध्या का आयोजन किया गया। सभी शिव मंदिरों को सजाया गया और श्रृंगार पूजन किया गया।
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