Bihar News: शादी के लिए अपहरण के मामलों में तेजी, हैरान कर देंगे पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़े
भागलपुर में प्रेम विवाह के लिए लड़कियों के अपहरण के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे पुलिस प्रशासन चिंतित है। कई मामलों में लड़कियां अपनी मर्जी से जा रही हैं, ...और पढ़ें

शादी के लिए प्रेमिका का अपहरण। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शादी की नीयत से लड़कियों के अपहरण की वारदात में भागलपुर, नवगछिया और बांका में बीते एक साल में पिछले वर्षों की तुलना में इजाफा देखा जा रहा है। ऐसी घटना पुलिस के लिए भी परेशानी का सबब बनने लगा है।
अपहरण के ऐसे मामलों में किशोरियों को तो बाकायदा बहला-फुसला कर, बेहतर जिंदगी का सब्जबाग दिखा भी शादी के लिए भगा ले जाया जा रहा है। नाबालिग को भगाने का का बीते दो वर्षों का ट्रेंड चौंकाने वाला सामने आया है। ऐसी किशोरियों के अपहरण में उनकी कुछ सहेलियां भी मददगार साबित हो रही हैं।
प्रेम जाल में उन्हें फंसाने कर लड़के उन्हें आसानी से शिकार ऐसी सहेलियों और पारिवारिक महिलाओं की मदद से भी बना रहे हैं। ऐसी मदद से ही लड़कियों को प्रेम जाल के हथियार से फंसा कर अपहरण कर ले रहे हैं।
शादी की नीयत से अपहृत लड़कियों की बरामदगी में पुलिस की सांसें अटकने लगी है। पुलिस रिकार्ड में दर्ज शादी की नीयत से अपहृत ऐसी लड़कियों की बरामदगी सचमुच अब पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है।
पुलिस की सांसे इसलिए अटक जा रही है कि ऐसे मामलों में आधे से अधिक मामले में ही निष्कर्ष पर पहुंच कर लड़कियों की बरामदगी कर सकी है। लड़का और लड़की पक्ष के बीच समझौते कर मामले को निपटा रही है। ऐसे मामले पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है।
| बिहार में शादी की नीयत से अपहरण के मामले | ||
|---|---|---|
| माह | 2024 | 2025 |
| जनवरी | 17 | 21 |
| फरवरी | 13 | 16 |
| मार्च | 15 | 17 |
| अप्रैल | 14 | 15 |
| मई | 15 | 16 |
| जून | 14 | 17 |
| जुलाई | 12 | 21 |
| अगस्त | 15 | 17 |
| सितंबर | 11 | 19 |
| अक्टूबर | 13 | 18 |
| नवंबर | 15 | 16 (अब तक) |
| दिसंबर | 16 | — |
| कुल मामले | 170 | 193 (नवंबर तक) |
2025 में नवंबर तक ही 193 मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि पूरे साल 2024 में कुल 170 मामले सामने आए थे। 2025 में अब तक 2024 की तुलना में 13.5% अधिक मामले दर्ज हुए हैं।
बदलती दुनिया की चकाचौंध, भौतिक संसाधनों से जुड़ी गैजेट्स की भरमार किशोर वय लड़कियों को आकर्षित कर उन्हें आसान शिकार बनाया जा सकता है। अभिभावकों को किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखने वाले बच्चों और उनकी गतिविधियों पर खास ध्यान देना होगा। ऐसा करने से बहुत हद तक ऐसी घटना से बचा जा सकता है। -डॉ. राजेश कुमार तिवारी, मनोविज्ञानी, भागलपुर।

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