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    बिहार को मेगा ब्रिज की सौगात, पीरपैंती में बनेगा थर्मल प्लांट; PM मोदी ने फिर खोला खजाना

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 05:31 AM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी ने पीरपैंती में 2400 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट और गंगा पर बनने वाले 26 किलोमीटर लंबे रेल पुल का शिलान्यास किया। भागलपुर में 413 करोड़ के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन हुआ। इन योजनाओं से जिले के विकास को गति मिलेगी और गंगा नदी को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी। रेल पुल बनने से तीन घंटे का समय बचेगा।

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    PM मोदी ने फिर खोला खजाना। (जागरण)

    जागरण टीम, भागलपुर। सोमवार का दिन भागलपुर जिले के लिए उपलब्धियों भरा रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से पीरपैंती में पूर्वी भारत का सबसे बड़ा 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट और गंगा पर बनने वाले 26 किलोमीटर लंबा विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल रेल पुल का शिलान्यास किया।

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    वहीं, भागलपुर में बनकर तैयार 413 करोड़ के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन और अमृत मिशन 2.0 की 62 करोड़ की लागत से जलापूर्ति योजना दो के कार्य का शिलान्यास किया।

    पावर प्लांट और रेल पुल दोनों योजनाओं को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एक साथ चार-चार बड़ी योजनाएं मिलने से जिले के विकास को रफ्तार मिलेगी।

    भागलपुर शहर के साहेबगंज में तैयार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (अपशिष्ट शोधन संयंत्र ) की क्षमता 45 एमएलडी यानि मिलियन लीटर प्रति दिन है। इसके निर्माण से शहर का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित नहीं होगा। यह संयंत्र नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बनाया गया है। जिसका उद्देश्य गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाना है।

    इस अवसर पर सांसद अजय मंडल, ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक जेनरेशन महेंद्र कुमार सिंह, जीएम जियुत सिंह, जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी, एसएसपी हृदयकांत, ऊर्जा विभाग के चीफ इंजीनियर दिलीप कुमार और अदाणी कंपनी के अधिकारी सहित विधायक मौजूद थे।

    बटेश्वर स्थान के पास गंगा पर तीन साल में बनकर तैयार होगा रेल पुल

    प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास करने के साथ ही अब 26.23 किलोमीटर लंबे विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल रेल पुल के निर्माण में तेजी आएगी। तीन सालों में परियोजना पूरी होगी।

    विक्रमशिला से कटरिया के रेल पुल का निर्माण और रेलखंड के लिए भागलपुर जिले में 16 गांवों में 421.6036 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। जो भूमि चयनित हुई है उसमें परती, धनहर, रास्ता, भीठ दो प्रकार की जमीनें हैं।

    इससे पहले रेलवे ने ड्रोन सर्वे से 18 मौजों में जमीन चिह्नित की थी। जिला भू अर्जन कार्यालय में रेलवे ने अपनी जमीन खोजने और मार्किंग कराने के लिए दो माह पहले ही आवेदन दिया था।

    इधर, कहलगांव बटेश्वर स्थान के पास बनने वाले इस रेल पुल की लंबाई चार किमी होगी। 1153 करोड़ रुपये की लागत से डबल लाइन पुल 13 मीटर चौड़ा होगा। कुल 2178.38 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में बटेश्वर स्थान से गंगा पर पुल और विक्रमशिला से नवगछिया तक रेल लाइन भी बिछनी है।

    पुल बनने से ट्रेनें विक्रमशिला से कटरिया होते हुए नवगछिया पहुंच जाएंगी। इससे तीन घंटा समय बचेगा। पीरपैंती-नवगछिया, भागलपुर-साहेबगंज, पटना-हावड़ा रेल लाइन देवघर-दुमका व गोड्डा को जोड़ते हुए पांच बाइपास चालू हो जाएंगे।

    राज्य में गंगा नदी पर डबल लाइन वाले चौथे रेल पुल का निर्माण शुरू कराने की योजना काम किया जा रहा है। तीन सालों में परियोजना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

    देवघर-गोड्डा से विक्रमशिला-भवानीपुर होते हुए बटेश्वर स्थान कटेरिया गंगा पुल बनना है। भागलपुर के पास गंगा पर बनने वाले विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है।

    भागलपुर का पहला और बिहार का पांचवां रेल पुल

    यह भागलपुर का पहला और बिहार का पांचवां रेल पुल होगा। भागलपुर में अबतक विक्रमशिला सेतु और उसके समानांतर निर्माणाधीन नया पुल और अजगैवीनाथ धाम-अगुवानी पुल, विजय घाट पुल सड़क वाला है।

    26.23 किलोमीटर लंबा रेल पुल न सिर्फ दो नेशनल हाइवे को जोड़ेगा, बल्कि इसके बनने से कोसी और सीमांचल क्षेत्र का पूर्वी बिहार यानी अंग क्षेत्र से भी रेल संपर्क से जुड़ जाएगा।

    उत्तर में कटरिया और नवगछिया तथा दक्षिण दिशा में विक्रमशिला और शिवनारायणपुर स्टेशन की तरफ बटेश्वर स्थान के पास लाइन जुड़ेगी। नई रेललाइन के प्रस्ताव से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और गतिशीलता में सुधार होगा।

    मुख्य पुल की लंबाई 2.5 किलोमीटर होगी। यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ करेगा। यह पुल बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों से भी एक-दूसरे जिले को जोड़ सकेगा। कोसी क्षेत्र का भागलपुर, गोड्डा, दुमका, देवघर, रांची आदि शहरों से रेल संपर्क आसान हो जाएगा।