अब अनानास उत्पादन में नंबर वन होगा बिहार! स्थापित होगी किशनगंज में टिश्यू कल्चर लैब
किशनगंज में टिश्यू कल्चर लैब में रोग रहित अनानास के पौधे तैयार होंगे। डा. कलाम कृषि कालेज में लैब तैयार हो रही है। हर साल तकरीबन 10 लाख पौधे तैयार किए ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, किशनगंज। अनानास उत्पादन में सूबे में अलग पहचान बना चुके किशनगंज जिले में अब इसका टिश्यू कल्चर लैब स्थापित होगा। इस लैब में गुणात्मक सुधार के साथ रोग रहित अनानास के पौधे तैयार होंगे। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से वित्त पोषित परियोजना अंतर्गत जिले के अर्राबाड़ी स्थित डा. कलाम कृषि कालेज में केंद्र में यह लैब तैयार किया जा रहा है। लैब का कार्य अंतिम चरण में है। जल्द ही यह क्षेत्र के अनानास किसानों के लिए वरदान साबित होगा।
लैब स्थापित करने पर करीब दो करोड़ का खर्च आएगा। सहायक प्रध्यापक सह कनीय वैज्ञानिक डा. मु. शमीम ने बताया कि टिश्यू कल्चर लैब में प्रतिवर्ष 10 लाख पौधे तैयार करने का क्षमता होगी। इन पौधों की खासियत होगी कि वे कम समय में ही तैयार हो जाएंगे। अभी अनानास की फसल तैयार होने में 16 से 18 महीने का समय लगता है। परियोजना पर काम कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि नए पौधों में 12 महीने में ही फल तैयार हो जायेंगे।
अभी सीमांचल के किशनगंज के अलावा सटे हुए अररिया जिला में अनानास की खेती थोड़ी बहुत हो रही है। टिश्यू कल्चर लैब के स्थापित होने से कोसी व सीमांचल के किसानों को काफी फायदा होगा। कोसी क्षेत्र के सहरसा, सुपौल व मधेपुरा में अनानास का उत्पादन भी धीरे-धीरे शुरू हो जाएगा। खेती के लिए किसानों को आसानी से पौधों की उपलब्धता, कम समय व लागत में कमी से क्षेत्र में अनानास की खेती के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होगी।
परियोजना से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि अच्छी फसल होने से राज्य के बाहर का बाजार मिलेगा और इलाके में उत्पादित अनानास की मांग बाहर में बढ़ेगी। किशनगंज में टिश्यू कल्चर लैब की की सफलता बाद राज्य अन्य फसलों के लिए कृषि आधारित लैब खुलेगा। कृषि कालेज में इसे खोलने की तैयारी की जा रही है।

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