सीमांचल में खुफिया एजेंसियां सतर्क, घुसपैठ की आशंका पर निगरानी बढ़ी
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बांग्लादेश और नेपाल से संदिग्धों के भारत में घुसपैठ की आशंका के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। तकनीकी निगरानी के जरिए मिले इनपुट के आधार पर सुरक्षा बलों ने सीमांचल और पूर्व बिहार के कई जिलों में चौकसी बढ़ा दी है। सूत्रों के मुताबिक मुहम्मद नजीब, हसीबुल्ला सैफ, करीम अली, मुहम्मद इमामुद्दीन और ज्याऊल सैफ नामक पांच संदिग्धों की तलाश की जा रही है। इनकी गतिविधियों को लेकर केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच लगातार समन्वय हो रहा है। सुरक्षा बलों ने उनके संभावित हुलिए के आधार पर स्केच तैयार कराए हैं और सीमा इलाकों में खोज अभियान तेज किया गया है। जानकारी के अनुसार संदिग्धों के नेपाल के रास्ते सीमांचल में प्रवेश की संभावना को देखते हुए किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, पटना, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जिलों में सुरक्षा जांच कड़ी कर दी गई है। हाईवे, रेलवे स्टेशन और होटल लॉज की निगरानी बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियों ने यह भी बताया कि हाल के महीनों में जाली नोट और सीमापार नेटवर्क से जुड़े कुछ मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच चल रही है। फिलहाल सभी एजेंसियां मिलकर सीमा और आंतरिक इलाकों में सुरक्षा की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं।

Op Sindoor, Delhi Blast: आपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी हाफिज सईद भारत के प्रमुख शहरों में बम विस्फोट कराने की फिराक में है।
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। Op Sindoor, Delhi Blast आपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी हाफिज सईद और उसके संगठन से जुड़े आतंकी तिलमिलाए हुए हैं। जिन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी मदद करते हुए भारत के प्रमुख शहरों में विस्फोट करा बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति पहुंचाने की फिराक में है।
आपरेशन सिंदूर का बदला लेने की तैयारी में बांग्लादेश में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के ठिकाने में प्रशिक्षित आतंकियों को भारत में प्रवेश कराया जा रहा है। तकनीकी निगरानी में मिले चौंकाने वाले इनपुट के बाद इंटेलिजेंस अधिकारियों की टीम सतर्क हो गई है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते आतंकियों के भारतीय सीमा में प्रवेश कराए जाने की बात कही जा रही है।
आतंकवादियों की पहचान मुहम्मद नजीब, हसीबुल्ला सैफ, करीम अली, मुहम्मद इमामुद्दीन और ज्याऊल सैफ के रूप में सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियां उन आतंकियों के स्केच भी बनवाए हैं, जिसके आधार पर उन आतंकियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
आतंकियों के नेपाल से सीमांचल के रास्ते प्रवेश कराए जाने की बात कही जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भी आशंका है कि उनके पास अत्याधुनिक हथियार और विस्फोटक भी हो सकते हैं।
इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा- जैश-ए-मुहम्मद के प्रशिक्षण कैंप में अंसारुल्लाह बांग्ला से जुड़े युवकों को आतंकी प्रशिक्षण देकर नेपाल के रौतहट स्थित मुस्लिम आबादी वाले इलाके में पहले शिफ्ट कराया गया फिर वहां से भारतीय सीमा में प्रवेश कराए जाने की आशंका है।
सुरक्षा एजेंसियां उनकी तलाश में जुट गई है। सुरक्षा एजेंसियां भारतीय सीमा में प्रवेश कराए गए इन आतंकियों की तलाश किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, पटना, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर जिलों में भी कर रही है।
जाली नोट के जम्मू-कश्मीर भेजे जाने वाले सिंडिकेट पर भी नजर
पांच सितंबर 2024 को जाली नोटों के साथ गिरफ्तार नजरे सद्दाम, असलम अंसारी समेत तीन की मोतिहारी जिले में गिरफ्तारी और उनके पाकिस्तान, बांग्लादेश कनेक्शन की बात सामने आई थी।
नजरे सद्दाम ने पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष स्वीकार किया था कि वह पूर्व में भी नेपाल में पाकिस्तानी एजेंटों के जरिए जाली नोट लेकर जम्मू-कश्मीर पहुंचा चुका था। तब उसकी जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों से जुड़े संदिग्धों की गिरफ्तारी भी हुई थी।
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन उन प्रशिक्षित आतंकियों को सीमांचल में प्रवेश कराते हुए महानगरों में शिफ्ट कराए होंगे।
आपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी हाफिज सईद और उसके संगठन से जुड़े आतंकी तिलमिलाए हुए हैं। जिन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी मदद करते हुए भारत के प्रमुख शहरों में विस्फोट करा बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति पहुंचाने की फिराक में है।
उन आतंकी संगठनों की तरफ से भारत में हिंसक घटना को अंजाम देने के बाद भारतीय सेना ने हमला कर जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था।

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