Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    झुकने को तैयार नहीं तेजस्वी, बिफर उठे राहुल गांधी... राजद ने कांग्रेस को बताई औकात, कहलगांव में RJD vs Congress का दोतरफा दांव

    By Jitendra Kumar Edited By: Alok Shahi
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 12:31 PM (IST)

    RJD vs Congress: बिहार चुनाव 2025 में कई सीटों पर कांग्रेस और राजद में घमासान मचा है। आजादी के बाद से कांग्रेस की परंपरागत सीट रही कहलगांव में दोतरफा उम्मीदवार उतारने के बाद अपना अस्तित्व को बचाने को राजद व कांग्रेस के आलाकमान में जिच जारी है। दोनों नेताओं में समन्वय नहीं बना तो राजद ने यहां पहले अपने उम्मीदवार उतारे, इसके बाद कांग्रेस ने भी प्रत्याशी खड़ा कर दिया। देश की आजादी के बाद यह परंपरागत सीट किसी को कांग्रेस ने नहीं दी। पिछले चुनाव तक कांग्रेस यहां दांव लगाती रही। लेकिन इस बार तेजस्वी यादव ने अगल ही दांव खेल दिया है। वो किसी सूरत में झुकने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। 

    Hero Image

    RJD vs Congress: बिहार चुनाव 2025 में कहलगांव पर दोतरफा उम्मीदवार उतारने के बाद कांग्रेस और राजद में घमासान मचा है।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। RJD vs Congress बिहार की राजनीति में कहलगांव विधानसभा सीट ऐसी मानी जाती है जहां कांग्रेस की पकड़ दशकों से मजबूत रही है। इस सीट पर सदानंद सिंह का प्रभाव इतना गहरा रहा कि उन्होंने अकेले दम पर कांग्रेस को कई बार जीत दिलाई। कहलगांव सीट कांग्रेस की पहचान और सदानंद सिंह की राजनीतिक विरासत का केंद्र रही है। बिहार में कांग्रेस के कमजोर दौर में भी इस सीट ने पार्टी को संबल दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपने अस्तित्व को बचाने को राजद व कांग्रेस के आलाकमान में जिच जारी रहा। दोनों में समन्वय आखिरकार नहीं बना। राजद ने पहले अपने उम्मीदवार उतारे, इसके बाद कांग्रेस ने भी। क्योंकि यह कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। देश की आजादी के बाद यह सीट किसी को कांग्रेस ने नहीं दी। क्योंकि पिछले चुनाव तक दांव लगाते रहे। लेकिन तेजस्वी ने अगल ही दांव खेल दिया है। वो झुकने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।

    आने वाले चुनावों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह परंपरा कायम रहती है या सियासी समीकरण बदलते हैं। क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी शुभानंद मुकेश को भाजपा के पवन कुमार यादव ने 42 हजार 893 वोट के अंतर से पराजित किया था। इस बार शुभानंद मुकेश ने राजनीतिक पाला बदलकर जदयू का दामन थामा है। जदयू ने इस बार इन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन आपस में उलझकर रह गई।

    पहले राजद ने झारखंड के मंत्री संजय यादव के पुत्र रजनीश यादव को सिंबल दे दिया है। अब शुक्रवार को कांग्रेस ने प्रवीण सिंह कुशवाहा को कहलगांव विधानसभा से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। ऐसे में राजद व कांग्रेस दोनों ने अपने उम्मीदवार दिए है। लेकिन राजद ने अभी तक रजनीश यादव से सिंबल वापस नहीं लिया है। जिससे कहलगांव में चुनाव काफी दिलचस्प हो चुका है।

    जानकारी के अनुसार राजद द्वारा अपने उम्मीदवार को वापस ले सकती है। लेकिन अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई। कांग्रेस से प्रवीण कुशवाहा 20 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। वहीं कांग्रेस से प्रवीण कुशवाहा नामांकन की तारीख की घोषणा कर दिए है। वहीं राजद से रजनीश यादव ने नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं सांसद अजय मंडल ने अपने भाई को निर्दलीय उम्मीदवार बनाया है।

    सदानंद सिंह थे कहलगांव की पहचान

    सदानंद सिंह ने इस सीट से कुल 9 बार जीत दर्ज की। 2000, 2005, 2010 और 2015 में उन्होंने कांग्रेस को विजय दिलाई। 2005 के उपचुनाव में जेडीयू के अजय कुमार मंडल से हार के बाद भी उन्होंने अपनी पकड़ कायम रखी। 1951 से अब तक कहलगांव में विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से नौ बार कांग्रेस विजयी रही।

    1951 में रामजन्म महतो (कांग्रेस) ने जीत दर्ज की थी। 1967 में पहली बार हारी कांग्रेस व जीत सीपीआई को मिली। 1972 से 1980 तक लगातार तीन बार कांग्रेस की वापसी। जबकि 1985, 1990, 1995: तीन चुनावों में कांग्रेस को शिकस्त मिली। 2000 से नया दौर सदानंद सिंह के नेतृत्व में शुरू हुआ। लेकिन 2020 में कांग्रेस को हार मिली।

    कहलगांव विधानसभा क्षेत्र : जनसंख्या और सामाजिक संरचना

    • 2011 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी 5,10,397 है।
    • ग्रामीण आबादी: 93.05 प्रतिशत
    • शहरी आबादी: 6.95 प्रतिशत
    • अनुसूचित जाति: 11.71 प्रतिशत
    • अनुसूचित जनजाति: 1.12 प्रतिशत
    • कुल मतदाताओं की संख्या: 342804


    कहलगांव विधानसभा सीट से ये रहे विजेता 

    • 1951 : रामजन्म महतो : कांग्रेस
    • 1957 : कांग्रेस उम्मीदवार : कांग्रेस
    • 1962 : कांग्रेस उम्मीदवार : कांग्रेस
    • 1967 : सीपीआई
    • 1969 : जानकारी उपलब्ध नहीं
    • 1972 : जानकारी उपलब्ध नहीं
    • 1977 : सदानंद सिंह : कांग्रेस
    • 1980 : सदानंद सिंह : निर्दलीय
    • 1985 : सदानंद सिंह : कांग्रेस
    • 1990 : महेश प्रसाद मंडल : जनता दल
    • 1995 : महेश प्रसाद मंडल : जनता दल
    • 2000 : सदानंद सिंह : कांग्रेस
    • फरवरी 2005 : सदानंद सिंह : कांग्रेस
    • अक्टूबर 2005: अजय कुमार मंडल : जदयू
    • 2010 : सदानंद सिंह : कांग्रेस
    • 2015 : सदानंद सिंह : कांग्रेस
    • 2020 : पवन कुमार यादव : भाजपा