WiFi Extender: चींटी जितना एंटीना, चीते जैसी इंटरनेट स्पीड; IIIT Bhagalpur ने बना डाली वाई-फाई की नई दुनिया, मिला पेटेंट
NEW WiFi: भागलपुर के ट्रिपल आईटी के प्राध्यापक ने जीरोथ आर्डर रेजोनेटर (जेडओआर) नामक ऐसा सूक्ष्म एंटीना विकसित किया है, जो सिर्फ 1.6 मिलीमीटर मोटा है पर सिग्नल देने में पारंपरिक बड़े एंटीना से कहीं ज्यादा ताकतवर है। यह चिप बोर्ड में आसानी से फिट हो जाता है और हाई बैंडविड्थ सिग्नल छोड़ता है। इस अविष्कार का पेटेंट भी मिल चुका है।

NEW WiFi: ट्रिपल आईटी भागलपुर ने जीरोथ आर्डर रेजोनेटर (जेडओआर) नामक सूक्ष्म एंटीना विकसित किया है।
ललन तिवारी, भागलपुर। NEW WiFi वायरलेस तकनीक की दुनिया में एक ऐसा आविष्कार सामने आया है जो आने वाले समय में इंटरनेट स्पीड और डिवाइसेज के आकार , दोनों की तस्वीर बदल देगा। एक माचिस की तिली से भी पतले शीट पर बनाया गया एंटीना प्रधानमंत्री का मिशन लोकल फार वोकल, आत्मनिर्भर भारत, सेमीकंडक्टर मिशन, डिजिटल इंडिया के थीम को चरितार्थ कर रहा है।
भागलपुर स्थित ट्रिपल आईटी के प्राध्यापक ने जीरोथ आर्डर रेजोनेटर (जेड ओ आर) नामक ऐसा सूक्ष्म एंटीना विकसित किया है, जो सिर्फ 1.6 मिलीमीटर मोटा है पर सिग्नल देने में पारंपरिक बड़े एंटीना से कहीं ज्यादा ताकतवर है। यह चिप बोर्ड में आसानी से फिट हो जाता है और वहीं से हाई बैंडविड्थ सिग्नल छोड़ता है। इस अविष्कार का पेटेंट भी मिल चुका है।
ऐसे काम करता है यह अनोखा एंटीना
ट्रिपल आईटी के प्राध्यापक डा. प्रकाश रंजन और डा. चेतन कहते हैं कि इसकी बनावट में तीन चौकोर पैच लगे हैं, जिन पर तिरछे कट (स्लाट) बनाए गए हैं। इससे सिग्नल की रेंज और चौड़ाई (बैंडविड्थ) दोनों बढ़ती हैं। हर पैच के बीच में एक शार्टिंग पोल (विद्युत जोड़) लगाया गया है जो इंडक्टर (चुंबकीय कुण्डली) की तरह काम करता है और सिग्नल को स्थिर (स्टेबल) रखता है। पूरा सिस्टम पचास ओम माइक्रो स्ट्रिप लाइन से चलता है और इसका वी एस डब्ल्यू आर दो से कम रहता है जिसे किसी भी एंटीना की सर्वोच्च दक्षता माना जाता है। इसकी लागत भी बहुत कम होगी।
घर से लेकर आकाश तक हर जगह होगा इस्तेमाल
- वाई-फाई राउटर: अब राउटर में लगे मोटे डंडे जैसे डी-पोल एंटीना गायब हो जाएंगे। छोटा राउटर भी 4 के वीडियो और आनलाइन गेम बिना रुकावट चलाएगा।
- मोबाइल नेटवर्क : बेस स्टेशन का आकार छोटा होने से गांव-देहात में कवरेज बढ़ाना आसान होगा।
- विमानन और एयर ट्रैफिक कंट्रोल : विमान और ग्राउंड स्टेशन में अबाध संपर्क बना रहेगा।
- रक्षा और समुद्री निगरानी : मिसाइल ट्रैकिंग और युद्धक जहाजों में सुरक्षित सिग्नल मिलेंगे।
- मौसम उपग्रह और रडार : मौसम रिपोर्टिंग और डेटा भेजना पहले से कई गुना तेज होगा।
यह तकनीक तेज संचार के लिए वरदान होगी। छोटे आकार के कारण इसे खिलौने से लेकर बहुआयामी इस्तेमाल किया जा सकता है। वाई-फाई की दुनिया बदल जाएगी। इसका उपयोग उद्योग में होने से देश आत्मनिर्भर बनेगा। दुनिया का संचार बाजार में हम अग्रणी होंगे। - डा. मधुसूदन सिंह निदेशक ट्रिपल आईटी,भागलपुर
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