नौकरी की तलाश में ईरान गए आरा के युवक की हत्या, 11 महीने बाद वापस आया शव; ड्रग तस्करी से जुड़ा है केस
भोजपुर के गौरव का शव 11 महीने बाद ईरान से वापस लाया गया। युवक की कथित तौर पर ईरान में हत्या कर दी गई थी। विदेश मंत्रालय की मदद से शव को भारत लाया गया। मृतक की मां बेटे का शव देखकर बेसुध हो गई। गौरव को नौकरी का झांसा देकर ईरान ले जाया गया था।

जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले के पीरो प्रखंड अंतर्गत सुखरौली गांव निवासी मूंगा लाल साह और उनके परिवार का अपने घर के चिराग के मृत शरीर की अंत्येष्टि की इच्छा 11 महीने बाद पूरी हुई।
ईरान में मौत के बाद 23 वर्षीय गौरव कुमार का शव करीब 11 महीने बाद बुधवार को गांव पहुंचा तो पूरे परिवार समेत ग्रामीणों में मातम छा गया। बेटे की राह देख रही मां ताबूत में अपने लाल को देख बेसुध होकर फफक पड़ी।
रोते-रोते बेहोश हो जा रही थी। बिलखते हुए बार-बार बोल रही थी कि विदेश कमाने जाने से मना किए थे। गौरव पिछले साल फरवरी में ईरान रोजी-रोटी की जुगाड़ में गया था, जहां कथित रूप से हत्या ईरान में कर दी गई थी।
बीते 11 महीनों से शव वहीं पड़ा था। स्वजन लगातार उसके शव को स्वदेश लाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। कई बार निराशा भी हाथ लगी थी, लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रयासों से आखिरकार शव को भारत लाया जा सका।
शव दिल्ली एयरपोर्ट से पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) लाया गया, वहां से एंबुलेंस द्वारा गांव लाया गया। दिल्ली में मृतक के भाई सौरव ने शव को रिसीव किया। गौरव के बड़े भाई राजन कुमार ने बताया कि बहनोई गुप्तेश्वर दुबई में काम करते हैं।
तेल कारखाने में नौकरी दिलाने का झांसा
उनकी पहचान एक व्यक्ति मिस्टर साहू से हुई, जिसने गौरव को ईरान में तेल कारखाने में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। 15 फरवरी 2024 को गौरव पटना से मुंबई और फिर 22 फरवरी को 2024 को एयर अरबिया एयरलाइंस से शारजाह पहुंचा था, जहां मिस्टर साहू और सोनू नामक एजेंट ने उसे रिसीव किया था।
इसके बाद उसे ईरान ले जाकर शिराज और चाबहार में अलग-अलग ठिकानों पर रखा गया था।गौरव नियमित रूप से परिवार से वीडियो कॉल पर बात करता था, लेकिन मई 2024 से बातचीत बंद हो गई थी।
बाद में उसकी बहन को फिरौती के लिए कॉल आने लगे थे। पहले दो करोड़ रुपए की मांग हुई थी, फिरौती घटाकर 15 लाख तक कर दी गई थी, लेकिन स्वजन इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ थे।
मादक पदार्थ तस्कर के जाल में फंसा था गौरव
राजन ने बताया कि ड्रग्स तस्करी मामले में भारतीय एजेंसियों की कार्रवाई के दौरान गौरव का नाम सामने आया था। तस्करों ने उसे ड्रग्स के बदले गिरवी रख छोड़ा था।
इसके बाद लगातार धमकी भरे कॉल आते रहे। 14 अगस्त 2024 को स्वजनों को उसकी मौत की सूचना दी गई, लेकिन कोई फोटो या सबूत नहीं दिया गया था।
डीएन जांच से हुई थी पहचान
परिवार की मांग पर डीएनए सैंपल मिलान की प्रक्रिया शुरू हुई। एक मार्च 2025 को पिता मूंगा लाल का डीएनएन सैंपल ईरान भेजा गया था, जो जुलाई 2025 में गौरव से मैच कर गया था। इसी आधार पर भारत सरकार ने शव स्वदेश लाने की प्रक्रिया पूरी की
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