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    दानापुर रेल मंडल में आरक्षण टिकटों की कालाबाजारी, नियम बदलने के बाद भी कम नहीं हुई मारामारी

    By Kanchan Kishore Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 04 Aug 2025 03:13 PM (IST)

    दानापुर रेल मंडल में आरक्षण टिकटों की कालाबाजारी रोकने के प्रयासों के बावजूद आरा जंक्शन पर दलालों का बोलबाला जारी है। तत्काल टिकटों के लिए सुबह से ही डेरा जमा लेते हैं जिससे आम लोगों को परेशानी होती है। रेलवे ने ओटीपी की व्यवस्था की है लेकिन दलालों ने काम करने का तरीका बदल दिया है। ऑनलाइन भुगतान लेने से इनकार करने पर कार्रवाई की जाएगी।

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    आरक्षण टिकटों की कालाबाजारी रोकने के प्रयासों के बावजूद, दलालों का बोलबाला जारी है। जागरण

    जागरण संवाददाता, आरा। दानापुर रेल मंडल में आरा रेलवे आरक्षित टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए भले ही नए नियम-कानून बना रहा हो, लेकिन आरक्षण काउंटरों पर दलालों पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पा रही है।

    दलालों के खिलाफ कई बार कार्रवाई के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। आरा जंक्शन स्थित आरक्षण टिकट काउंटरों की हालत यह है कि दलालों के चहेते तत्काल टिकट के लिए सुबह से ही यहां आकर डेरा जमा लेते हैं।

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    सुबह जब तक आम लोगों की बारी आती है, तब तक दलाल टिकट लेकर चले जाते हैं। इसको लेकर आए दिन आम लोगों और आरक्षण क्लर्कों के बीच नोकझोंक होती रहती है।

    इसके अलावा एक ही आरक्षण खिड़की की व्यवस्था होने से महिलाओं को भी परेशानी होती है। तत्काल आरक्षित टिकट के लिए सुबह से ही टिकट काउंटरों पर लोगों की भीड़ लग रही है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, सिकंदराबाद, बेंगलुरु आदि जगहों के टिकट अधिक बिक रहे हैं।

    सुबह दस बजे तत्काल आरक्षण सेवा शुरू होने के बाद बमुश्किल दो-चार लोगों को ही कंफर्म टिकट मिल पाता है। इसके बाद प्रतीक्षा सूची शुरू हो जाती है। इससे कई लोग निराश होकर लौट जाते हैं।

    लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में अगले महीनों के लिए आरक्षण फुल होने पर तत्काल टिकट ही एकमात्र विकल्प होता है। इस वजह से इन टिकटों के लिए मारामारी मची रहती है। रेलवे सूत्रों ने बताया कि इस तरह का खेल पिछले कुछ महीनों से चल रहा है।

    तत्काल के लिए मनमानी वसूली

    रेलवे विभाग की सख्ती के चलते दलालों ने अपना काम करने का तरीका बदल दिया है। अब वे सीधे लाइन में लगकर टिकट नहीं लेते, बल्कि अपने पसंदीदा किशोरों और युवकों को कतार में खड़ा कर देते हैं। इससे वे जाँच के दौरान तिजोरी से बच निकलते हैं। ये लोग तत्काल टिकट के लिए ज़रूरी कई पहचान पत्र भी अपने पास रखते हैं।

    आरक्षण टिकट सही व्यक्ति तक पहुँचे, इसके लिए रेलवे ने ओटीपी की व्यवस्था की है, कोई भी टिकट के लिए ऑनलाइन भुगतान लेने से इनकार नहीं कर सकता। अगर ऐसी कोई शिकायत मिलती है, तो जाँच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

    -अभिनव सिद्धार्थ, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, दानापुर रेल मंडल।