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    Trump Tariff News: ट्रंप टैरिफ की ढाल है डेयरी क्रांति, भोजपुर के 91 हजार किसान पशुपालन पर निर्भर

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 10:15 PM (IST)

    भोजपुर जिले में पशुपालन किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। 91 हजार किसान दूध उत्पादन से प्रतिमाह लगभग 23 करोड़ रुपये कमा रहे हैं। शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अनुसार कई किसान संगठित और असंगठित रूप से दूध उत्पादन में लगे हुए हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। यह पारंपरिक खेती के अलावा एक बेहतर विकल्प साबित हो रहा है।

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    दुग्ध क्रांति ट्रंप टैरिफ की ढाल, भोजपुर के 91 हजार किसान पशुपालन पर निर्भर

    अमरेश सिंह, आरा। ट्रंप टैरिफ का रूस से तेल की खरीद एक बहाना है, असल में अमेरिका भारत के दुग्ध और कृषि जैसे क्षेत्रों में अपने उत्पादों का बाजार चाहता है। हालांकि, टैरिफ के दबाव के बावजूद भारत सरकार झुकने को तैयार नहीं है। पशुपालन वास्तव में किसानी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

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    भोजपुर जिले में 91 हजार किसान दूध उत्पादन से प्रतिमाह लगभग 23 करोड़ रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं, जो कृषि कार्य के अतिरिक्त है। बक्सर, रोहतास और कैमूर जिलों को मिलाकर एक लाख 92 हजार किसानों को प्रतिमाह 47 करोड़ रुपये की आय हो रही है, जिससे किसानों का हौसला बढ़ा है और उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।

    बिहिया प्रखंड के समरदह गांव के निवासी सरोज राम, जो अनुसूचित जाति से आते हैं, ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय से 2020 में अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। इसके बाद उन्होंने पशु व मत्स्य संसाधन विभाग के अंतर्गत समग्र विकास योजना के तहत देसी गोपालन शुरू किया।

    प्रारंभ में उनके पास दो गाय थीं, लेकिन अब उनकी संख्या बढ़कर आठ हो गई है। वे प्रतिमाह दुग्ध पालन से लगभग 35 हजार रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं, जिससे उनका परिवार चल रहा है। उनके गांव में तीन हजार की बस्ती में हर पांचवें घर में गौ पालन हो रहा है, जिससे घर का मासिक खर्च निकल रहा है।

    शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अनुसार, भोजपुर जिले में 91 हजार किसान दूध उत्पादन से प्रतिमाह 23 करोड़ रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं। बक्सर, कैमूर और रोहतास को मिलाकर प्रतिदिन तीन लाख लीटर दूध का उत्पादन किया जा रहा है।

    भोजपुर में 824 समितियां कर रहीं दुग्ध उत्पादन

    परंपरागत खेती के अलावा, दूध उत्पादन किसानों के लिए एक वैकल्पिक आय का स्रोत साबित हो रहा है। शाहाबाद क्षेत्र में भोजपुर जिला दुग्ध उत्पादन के मामले में अपने आसपास के जिलों से बेहतर परिणाम अर्जित कर रहा है। दुग्ध उत्पादन के लिए, शाहाबाद में सबसे अधिक 824 समितियां हैं।

    वहीं, बक्सर में 723, रोहतास में 616 और कैमूर जिले में 701 दुग्ध सहकारी समितियां हैं। भोजपुर जिले में सबसे अधिक 91 हजार किसान जुड़े हैं, जबकि रोहतास में 84 हजार और बक्सर में 82 हजार किसान दुग्ध उत्पादन से जुड़े हैं। ये आंकड़े संगठित रूप से दुग्ध उत्पादन कर रहे किसानों के हैं, जबकि असंगठित रूप से भी हजारों किसान इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।

    क्या कहते हैं पदाधिकारी?

    शाहाबाद जोन के किसान परंपरागत कृषि के अलावा पशुपालन से आय अर्जित कर रहे हैं। जिले के किसान प्रतिदिन करीब 91 हजार लीटर दूध विभिन्न समितियों में बेचते हैं, इसके अलावा खुले बाजार में भी 32 हजार लीटर से अधिक दूध बेचते हैं।  - धनंजय कुमार, महाप्रबंधक, शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ

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