दानापुर रेल मंडल ने रचा इतिहास: 93.29 % एक्सप्रेस ट्रेनें समय पर, केवल 7.71 फीसदी ही लेट
दानापुर रेल मंडल ने समय पालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे वह देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। 93.29% एक्सप्रेस ट्रेनें समय पर चल रही हैं। डीआरएम विनोद कुमार के नेतृत्व में तकनीकी सुधारों और परिचालन क्षमता में वृद्धि से यह सफलता मिली है। रेलवे ने पटरियों की मरम्मत और नई तकनीकों का उपयोग करके ट्रेनों की गति बढ़ाई है।
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दानापुर रेल मंडल ने रचा इतिहास। (जागरण)
जागरण संवाददाता, आरा। दानापुर रेल मंडल ने एक बार फिर अपनी कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता से रेलवे की छवि को ऊंचा किया है। रेल मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दानापुर रेल मंडल देशभर में ट्रेनों के समय पालन के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
यहां 93.29 फीसदी एक्सप्रेस ट्रेनें सही समय पर चल रही हैं, जबकि मात्र 7.71 फीसदी ट्रेनें ही लेटलतीफी का सामना कर रही हैं। पिछले एक दशक से दानापुर रेल मंडल में ट्रेनों के लेट होने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं।
यात्रियों की बढ़ती शिकायतों और रेलवे मंत्री तक पहुंचे मुद्दों के बाद, डीआरएम विनोद कुमार ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए इसे प्राथमिकता के रूप में लिया। उनके नेतृत्व में मंडल ने ट्रेनों को सही समय पर चलाने के लिए कई तकनीकी और परिचालन सुधार किए, जिनका अब स्पष्ट असर दिखाई दे रहा है।
दानापुर रेल मंडल के तहत आने वाले प्रमुख रूट मुगलसराय से झाझा तक पर ट्रेनों की औसत रफ्तार अब 90 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई है। रेलवे ऐप के डेटा से भी इसकी पुष्टि हुई है कि अब अधिकांश ट्रेनें अपने निर्धारित समय पर पहुंच रही हैं।
रेल प्रशासन ने ट्रेनों की लेट-लतीफी की समस्या को दूर करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पटरियों की मरम्मत, पुराने पुलों का पुनर्निर्माण, मानव रहित फाटकों पर गेट का निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक पैनल इंटरलॉकिंग सिस्टम जैसी तकनीक अपनाने से परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
दानापुर मंडल की यह उपलब्धि सिर्फ मंडल स्तर तक सीमित नहीं रही। पूर्व मध्य रेलवे ने भी इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। समय पालन में पिछले वर्ष की तुलना में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि पूरे भारतीय रेल के किसी भी अन्य क्षेत्रीय जोन की तुलना में सबसे अधिक है।
इस सुधार के साथ पूर्व मध्य रेल ने देश के अन्य 16 क्षेत्रीय रेलों को पीछे छोड़ते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस सफलता के पीछे रेलवे की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए किए गए निरंतर प्रयास हैं। जैसे नई लाइनें बिछाना, दोहरीकरण, आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण परियोजनाओं का समय पर पूरा होना।
लाइव मॉनिटरिंग और सुरक्षा व्यवस्था
रेलवे अब ट्रेनों की लाइव मॉनिटरिंग कर रहा है ताकि किसी भी रूट पर देरी की स्थिति तुरंत सुधारी जा सके। भारी ट्रैफिक वाले और चेन पुलिंग की संभावना वाले स्टेशनों पर रेल सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।
दानापुर मंडल में आरा जंक्शन सहित 23 स्टेशनों पर यार्ड रिमॉडलिंग और पैनल इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। इससे न केवल ट्रेन मूवमेंट तेज हुआ है, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी घटी है। रेलवे ने लोको पायलटों को यह अधिकार दिया है कि यदि किसी वजह से ट्रेन लेट हो जाए, तो वे टाइम कवर करने के लिए गति बढ़ा सकते हैं।
पहले ड्राइवर अधिक स्पीड से ट्रेन चलाने से डरते थे क्योंकि स्पीडोमीटर की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होती थी। लेकिन अब रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 115 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पर चलने की रिपोर्ट आने पर कोई दंड नहीं दिया जाएगा, यदि उस रूट की सीमा 130 किमी प्रति घंटा है। इससे लोको पायलटों में आत्मविश्वास बढ़ा है और ट्रेनें अब निर्धारित समय पर गंतव्य तक पहुंच रही हैं।
हर रूट पर तय स्पीड और नियंत्रण
रेलवे ने हर रूट पर ट्रेनों की अधिकतम गति निर्धारित की है। उदाहरण के तौर पर, मुगलसराय से पटना जाने वाली सिकंदराबाद एक्सप्रेस को 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की अनुमति है, लेकिन औसतन यह 100 किमी प्रति घंटे की गति से चलती है।
इसी तरह पटना–इंदौर एक्सप्रेस भी औसतन 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से संचालित होती है। रेल प्रशासन का कहना है कि अब पटरियों के सुधार और पुलों के पुनर्निर्माण के बाद गति सीमा बढ़ाने पर विचार चल रहा है। इससे परिचालन समय और कम होगा।
देश के सबसे व्यस्त रेल मंडलों में से एक दानापुर ने यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि मंडल में मात्र लोकल ट्रेनों के कारण 7–8 प्रतिशत देरी दर्ज हो रही है, जिसे जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा। दानापुर रेल मंडल ने रेल मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ट्रेनों को समय पर चलाने में उल्लेखनीय सफलता पाई है। बहुत जल्द मंडल में 100 प्रतिशत ट्रेनों का समय पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
- सरस्वती चंद्र, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, हाजीपुर जोन।

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