सरकारी ऋण न चुकाना पड़ा भारी, उद्योग विभाग ने आरा के 4 लाभार्थियों पर की FIR
आरा में उद्योग विभाग ने ऋण की राशि समय पर जमा न करने वाले चार लाभार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। महाप्रबंधक निखिल कश्यप के अनुसार, इन लोगों ने ...और पढ़ें

सरकारी ऋण न चुकाना पड़ा भारी
जागरण संवाददाता, आरा। उद्योग विभाग के नाम पर लिए गए ऋण की राशि निर्धारित समय में जमा नहीं करने वाले लाभुकों के खिलाफ विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। इसी क्रम में आरा प्रखंड के अलग-अलग क्षेत्रों के चार लाभुकों पर उद्योग विभाग द्वारा विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
विभाग की ओर से कार्रवाई उद्योग विभाग के महाप्रबंधक निखिल कश्यप के निर्देश पर की गई है।
उद्योग के लिए बैंक से लोन
महाप्रबंधक निखिल कश्यप ने बताया कि विभागीय जांच में पाया गया कि चारों लाभुकों ने उद्योग स्थापना के उद्देश्य से बैंक से ऋण लिया था, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी उन्होंने किस्त के रूप में कई राशि जमा नहीं की। कई बार नोटिस भेजने व व्यक्तिगत संपर्क करने के बावजूद भुगतान नहीं करने पर विभाग को कानूनी कदम उठाने पड़े।
उन्होंने बताया कि आरा प्रखंड के चंदन कुमार पर वर्ष 2018 से ढाई लाख रुपये का बकाया है। चंदन कुमार को ऋण अदायगी के लिए कई बार नोटिस भेजा गया, लेकिन उन्होंने राशि जमा नहीं की।
इसी तरह राजेश कुमार पर भी वर्ष 2018 से ढाई लाख रुपये का बकाया चला आ रहा है। नोटिस के बावजूद उन्होंने भी कोई पहल नहीं की।
बकाया राशि जमा करने में उदासीनता
इसके अलावा अमरजीत कुमार पर दो लाख 27 हजार रुपये वर्ष 2018 से बकाया है। बार-बार नोटिस भेजे जाने और विभागीय अधिकारियों द्वारा संपर्क किए जाने के बावजूद उन्होंने बकाया राशि जमा करने में उदासीनता दिखाई। इसी तरह विवेक कुमार पर चार लाख रुपये का बकाया वर्ष 2021 से चल रहा है।
बकाया चुकाने के लिए कई बार विभाग द्वारा नोटिस दिया गया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही। महाप्रबंधक ने बताया कि इन चारों लाभुकों पर नोटिस की समय सीमा समाप्त होने के बाद कानूनी कार्रवाई की गई है। सभी के खिलाफ आरा प्रखंड के संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
भुकों की भी सूची तैयार कर रहा विभाग
उन्होंने कहा कि विभाग अन्य ऐसे लाभुकों की भी सूची तैयार कर रहा है, जिन्होंने समय पर ऋण राशि जमा नहीं की है। जल्द ही उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उद्योग विभाग की इस सख्त कार्रवाई से उन लाभुकों में हड़कंप मचा है, जो वर्षों से बिना भुगतान के ऋण राशि लंबित रखे हुए हैं।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकारी योजनाओं के तहत दिए गए ऋण को समय पर जमा करना अनिवार्य है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई से बचना मुश्किल होगा।

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